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Home ताज़ा समाचार

पहचान का संकट पैदा करने वाले वही लोग हैं, जो पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगनाओं को अपना शागिर्द बनाते थे : मुख्यमंत्री योगी 

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September 10, 2024
in ताज़ा समाचार
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लखनऊ, 10 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहचान का संकट पैदा करने वाले वही लोग हैं, जो पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगनाओं को अपना शागिर्द बनाते थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए, इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि सीएम ने पूछा कि जिन लोगों ने कभी अच्छा किया ही नहीं, अच्छा होने पर उन्हें बुरा लगेगा ही। वह एक्सपोज हो रहे हैं, इसलिए दुष्प्रचार का सहारा लेते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया क्यों पारदर्शी ढंग से नहीं हो पा रही थी। क्यों न्यायपालिका को बार-बार भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले भर्ती को लेकर सरकार की नीयत अच्छी नहीं थी। भ्रष्टाचार व घूसखोरी उनकी पहचान बन चुकी थी। आज प्रदेश को उससे मुक्त किया गया। ऐसे तत्वों पर लगाम कसी गई है। गिरोह का व्यक्ति परेशान होगा तो सरगना भी परेशान होगा। परेशान होने पर कुछ न कुछ बोलेगा ही। डकैत भी बिना प्रमाण खुद को दोषी नहीं मानता। फुटेज दिखाने पर ही कहता है कि गलती हो गई। यह भी गलती करते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करते। इन्हें फुटेज दिखाते हैं, फिर अहसास कराना पड़ता है कि तुमने गलती की है। इसलिए जनता बार-बार ठुकरा रही है।

सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति नए उप्र की आधारशिला रखने की प्रक्रिया है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो 2017 के पहले भारत के विकास का बैरियर था। आज विकास और पीएम मोदी के विजन का ग्रोथ इंजन बनकर भारत के विकास में योगदान दे रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था, लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

— आईएएनएस

विकेटी/एएस

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लखनऊ, 10 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहचान का संकट पैदा करने वाले वही लोग हैं, जो पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगनाओं को अपना शागिर्द बनाते थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए, इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सीएम ने पूछा कि जिन लोगों ने कभी अच्छा किया ही नहीं, अच्छा होने पर उन्हें बुरा लगेगा ही। वह एक्सपोज हो रहे हैं, इसलिए दुष्प्रचार का सहारा लेते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया क्यों पारदर्शी ढंग से नहीं हो पा रही थी। क्यों न्यायपालिका को बार-बार भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले भर्ती को लेकर सरकार की नीयत अच्छी नहीं थी। भ्रष्टाचार व घूसखोरी उनकी पहचान बन चुकी थी। आज प्रदेश को उससे मुक्त किया गया। ऐसे तत्वों पर लगाम कसी गई है। गिरोह का व्यक्ति परेशान होगा तो सरगना भी परेशान होगा। परेशान होने पर कुछ न कुछ बोलेगा ही। डकैत भी बिना प्रमाण खुद को दोषी नहीं मानता। फुटेज दिखाने पर ही कहता है कि गलती हो गई। यह भी गलती करते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करते। इन्हें फुटेज दिखाते हैं, फिर अहसास कराना पड़ता है कि तुमने गलती की है। इसलिए जनता बार-बार ठुकरा रही है।

सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति नए उप्र की आधारशिला रखने की प्रक्रिया है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो 2017 के पहले भारत के विकास का बैरियर था। आज विकास और पीएम मोदी के विजन का ग्रोथ इंजन बनकर भारत के विकास में योगदान दे रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था, लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

— आईएएनएस

विकेटी/एएस

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लखनऊ, 10 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहचान का संकट पैदा करने वाले वही लोग हैं, जो पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगनाओं को अपना शागिर्द बनाते थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए, इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सीएम ने पूछा कि जिन लोगों ने कभी अच्छा किया ही नहीं, अच्छा होने पर उन्हें बुरा लगेगा ही। वह एक्सपोज हो रहे हैं, इसलिए दुष्प्रचार का सहारा लेते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया क्यों पारदर्शी ढंग से नहीं हो पा रही थी। क्यों न्यायपालिका को बार-बार भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले भर्ती को लेकर सरकार की नीयत अच्छी नहीं थी। भ्रष्टाचार व घूसखोरी उनकी पहचान बन चुकी थी। आज प्रदेश को उससे मुक्त किया गया। ऐसे तत्वों पर लगाम कसी गई है। गिरोह का व्यक्ति परेशान होगा तो सरगना भी परेशान होगा। परेशान होने पर कुछ न कुछ बोलेगा ही। डकैत भी बिना प्रमाण खुद को दोषी नहीं मानता। फुटेज दिखाने पर ही कहता है कि गलती हो गई। यह भी गलती करते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करते। इन्हें फुटेज दिखाते हैं, फिर अहसास कराना पड़ता है कि तुमने गलती की है। इसलिए जनता बार-बार ठुकरा रही है।

सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति नए उप्र की आधारशिला रखने की प्रक्रिया है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो 2017 के पहले भारत के विकास का बैरियर था। आज विकास और पीएम मोदी के विजन का ग्रोथ इंजन बनकर भारत के विकास में योगदान दे रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था, लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए, इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सीएम ने पूछा कि जिन लोगों ने कभी अच्छा किया ही नहीं, अच्छा होने पर उन्हें बुरा लगेगा ही। वह एक्सपोज हो रहे हैं, इसलिए दुष्प्रचार का सहारा लेते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया क्यों पारदर्शी ढंग से नहीं हो पा रही थी। क्यों न्यायपालिका को बार-बार भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले भर्ती को लेकर सरकार की नीयत अच्छी नहीं थी। भ्रष्टाचार व घूसखोरी उनकी पहचान बन चुकी थी। आज प्रदेश को उससे मुक्त किया गया। ऐसे तत्वों पर लगाम कसी गई है। गिरोह का व्यक्ति परेशान होगा तो सरगना भी परेशान होगा। परेशान होने पर कुछ न कुछ बोलेगा ही। डकैत भी बिना प्रमाण खुद को दोषी नहीं मानता। फुटेज दिखाने पर ही कहता है कि गलती हो गई। यह भी गलती करते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करते। इन्हें फुटेज दिखाते हैं, फिर अहसास कराना पड़ता है कि तुमने गलती की है। इसलिए जनता बार-बार ठुकरा रही है।

सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति नए उप्र की आधारशिला रखने की प्रक्रिया है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो 2017 के पहले भारत के विकास का बैरियर था। आज विकास और पीएम मोदी के विजन का ग्रोथ इंजन बनकर भारत के विकास में योगदान दे रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था, लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए, इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सीएम ने पूछा कि जिन लोगों ने कभी अच्छा किया ही नहीं, अच्छा होने पर उन्हें बुरा लगेगा ही। वह एक्सपोज हो रहे हैं, इसलिए दुष्प्रचार का सहारा लेते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया क्यों पारदर्शी ढंग से नहीं हो पा रही थी। क्यों न्यायपालिका को बार-बार भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले भर्ती को लेकर सरकार की नीयत अच्छी नहीं थी। भ्रष्टाचार व घूसखोरी उनकी पहचान बन चुकी थी। आज प्रदेश को उससे मुक्त किया गया। ऐसे तत्वों पर लगाम कसी गई है। गिरोह का व्यक्ति परेशान होगा तो सरगना भी परेशान होगा। परेशान होने पर कुछ न कुछ बोलेगा ही। डकैत भी बिना प्रमाण खुद को दोषी नहीं मानता। फुटेज दिखाने पर ही कहता है कि गलती हो गई। यह भी गलती करते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करते। इन्हें फुटेज दिखाते हैं, फिर अहसास कराना पड़ता है कि तुमने गलती की है। इसलिए जनता बार-बार ठुकरा रही है।

सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति नए उप्र की आधारशिला रखने की प्रक्रिया है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो 2017 के पहले भारत के विकास का बैरियर था। आज विकास और पीएम मोदी के विजन का ग्रोथ इंजन बनकर भारत के विकास में योगदान दे रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था, लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए, इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सीएम ने पूछा कि जिन लोगों ने कभी अच्छा किया ही नहीं, अच्छा होने पर उन्हें बुरा लगेगा ही। वह एक्सपोज हो रहे हैं, इसलिए दुष्प्रचार का सहारा लेते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया क्यों पारदर्शी ढंग से नहीं हो पा रही थी। क्यों न्यायपालिका को बार-बार भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले भर्ती को लेकर सरकार की नीयत अच्छी नहीं थी। भ्रष्टाचार व घूसखोरी उनकी पहचान बन चुकी थी। आज प्रदेश को उससे मुक्त किया गया। ऐसे तत्वों पर लगाम कसी गई है। गिरोह का व्यक्ति परेशान होगा तो सरगना भी परेशान होगा। परेशान होने पर कुछ न कुछ बोलेगा ही। डकैत भी बिना प्रमाण खुद को दोषी नहीं मानता। फुटेज दिखाने पर ही कहता है कि गलती हो गई। यह भी गलती करते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करते। इन्हें फुटेज दिखाते हैं, फिर अहसास कराना पड़ता है कि तुमने गलती की है। इसलिए जनता बार-बार ठुकरा रही है।

सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति नए उप्र की आधारशिला रखने की प्रक्रिया है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो 2017 के पहले भारत के विकास का बैरियर था। आज विकास और पीएम मोदी के विजन का ग्रोथ इंजन बनकर भारत के विकास में योगदान दे रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था, लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए, इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सीएम ने पूछा कि जिन लोगों ने कभी अच्छा किया ही नहीं, अच्छा होने पर उन्हें बुरा लगेगा ही। वह एक्सपोज हो रहे हैं, इसलिए दुष्प्रचार का सहारा लेते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया क्यों पारदर्शी ढंग से नहीं हो पा रही थी। क्यों न्यायपालिका को बार-बार भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले भर्ती को लेकर सरकार की नीयत अच्छी नहीं थी। भ्रष्टाचार व घूसखोरी उनकी पहचान बन चुकी थी। आज प्रदेश को उससे मुक्त किया गया। ऐसे तत्वों पर लगाम कसी गई है। गिरोह का व्यक्ति परेशान होगा तो सरगना भी परेशान होगा। परेशान होने पर कुछ न कुछ बोलेगा ही। डकैत भी बिना प्रमाण खुद को दोषी नहीं मानता। फुटेज दिखाने पर ही कहता है कि गलती हो गई। यह भी गलती करते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करते। इन्हें फुटेज दिखाते हैं, फिर अहसास कराना पड़ता है कि तुमने गलती की है। इसलिए जनता बार-बार ठुकरा रही है।

सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति नए उप्र की आधारशिला रखने की प्रक्रिया है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो 2017 के पहले भारत के विकास का बैरियर था। आज विकास और पीएम मोदी के विजन का ग्रोथ इंजन बनकर भारत के विकास में योगदान दे रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था, लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए, इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सीएम ने पूछा कि जिन लोगों ने कभी अच्छा किया ही नहीं, अच्छा होने पर उन्हें बुरा लगेगा ही। वह एक्सपोज हो रहे हैं, इसलिए दुष्प्रचार का सहारा लेते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया क्यों पारदर्शी ढंग से नहीं हो पा रही थी। क्यों न्यायपालिका को बार-बार भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले भर्ती को लेकर सरकार की नीयत अच्छी नहीं थी। भ्रष्टाचार व घूसखोरी उनकी पहचान बन चुकी थी। आज प्रदेश को उससे मुक्त किया गया। ऐसे तत्वों पर लगाम कसी गई है। गिरोह का व्यक्ति परेशान होगा तो सरगना भी परेशान होगा। परेशान होने पर कुछ न कुछ बोलेगा ही। डकैत भी बिना प्रमाण खुद को दोषी नहीं मानता। फुटेज दिखाने पर ही कहता है कि गलती हो गई। यह भी गलती करते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करते। इन्हें फुटेज दिखाते हैं, फिर अहसास कराना पड़ता है कि तुमने गलती की है। इसलिए जनता बार-बार ठुकरा रही है।

सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति नए उप्र की आधारशिला रखने की प्रक्रिया है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो 2017 के पहले भारत के विकास का बैरियर था। आज विकास और पीएम मोदी के विजन का ग्रोथ इंजन बनकर भारत के विकास में योगदान दे रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था, लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

— आईएएनएस

विकेटी/एएस

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