अंबाला, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस घटना के खिलाफ हरियाणा के अंबाला में भी लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
हिंदू संगठनों ने गुरुवार को अंबाला में हनुमान चालीसा का पाठ किया और रोष मार्च किया। इस दौरान प्रशासन को रोहिंग्या मुसलमानों और पाकिस्तानियों को देश से बाहर निकालने की चेतावनी दी गई।
प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए प्रशासन को सख्त चेतावनी दी कि यदि रोहिंग्या मुसलमानों और पाकिस्तानियों को देश से नहीं निकाला गया, तो वे पाकिस्तान को वैसा ही जवाब देंगे, जैसा पहलगाम में हिंदुओं के साथ किया गया।
प्रदर्शन के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी विश्वमित्रानंद ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह हिंदू समाज का विरोध प्रदर्शन है, जो हिंदुओं के मन में उठे आक्रोश को दर्शाता है। पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदुओं को गोली मारी। हमारी मांग है रि रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल पाकिस्तान भेजा जाए।
कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद अंबाला में लगातार लोगों का गुस्सा फूटता हुआ दिखाई दे रहा है। बीती रात भी जहां पर अंबाला छावनी में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और मुस्लिम समुदाय की दो दुकानों में तोड़फोड़ करने के साथ-साथ उन्हें बंद करवा दिया। वहीं आज अंबाला शहर के बलदेव नगर में भी सुबह भारी संख्या में हिंदू संगठन इकट्ठे हुए और तलवारें लहराते हुए रोष मार्च निकाला।
उधर, पंजाब के पठानकोट में शहीद परिवार सुरक्षा परिषद ने सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिषद के सदस्यों ने आरोप लगाया कि इस हमले में पाकिस्तान का हाथ है। उन्होंने कहा, “हम सरकार से मांग करते हैं कि पाकिस्तान को इस कायरतापूर्ण कृत्य का करारा जवाब दिया जाए।”
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाए और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए। कश्मीर में शांति और स्थिरता के लिए आतंकियों और उनके समर्थकों को कुचलना जरूरी है। इस हमले का जवाब एकजुटता और कठोर कार्रवाई से देना होगा।
–आईएएनएस
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