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Home खेल

पहलवानों का धरना : खेल मंत्री अनुराग बोले : 14 बैठकें हुईं, शिकायतकर्ता पैनल के सामने नहीं आए

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April 27, 2023
in खेल
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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

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मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

–आईएएनएस

केसी/एसजीके

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

–आईएएनएस

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

–आईएएनएस

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

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मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

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मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

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मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

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मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

–आईएएनएस

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

–आईएएनएस

केसी/एसजीके

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

–आईएएनएस

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

–आईएएनएस

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

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लेह (लद्दाख), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों में सरकार द्वारा निष्क्रियता के दावों को खारिज कर दिया।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, उनकी मांग पर हमने बबिता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया। ओवरसाइट कमेटी की सभी 14 बैठकें हुईं, लेकिन न तो पहलवान जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की और न ही अन्य जिनके नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ितों के रूप में सूचीबद्ध किए गए थे, समिति के सामने आए।

ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने निरीक्षण समिति की रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो का संज्ञान लिया है और इसके अनुसार आईओए को 45 दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति के प्रमुख निष्कर्षो का पालन किया है और पहलवानों पर राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

आईओए ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए भूपेंद्र सिंह बाजवा और निशानेबाज सुमा शिरूर की तदर्थ समिति का गठन किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक तीसरे सदस्य, एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का नाम रखा जाएगा।

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मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक निगरानी समिति गठित करने के लिए कहा और अब आईओए से तदर्थ समिति गठित करने और 45 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुरोध करके उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रमुख निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के एक अन्य निष्कर्ष के अनुसार, चुनाव के बाद एक आंतरिक समिति का गठन किया जाएगा और यह यौन और मानसिक उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर गौर करेगी।

मंत्री ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट के नेतृत्व में विरोध करने वाली महिला पहलवानों के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पहलवानों ने तीन महीने पहले जब पहली बार धरना दिया था, उस दौरान वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिले थे और 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद सरकार ने आईओए से निगरानी समिति गठित करने को कहा था।

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