इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
एसजीके
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
एसजीके
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
एसजीके
इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
एसजीके
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।
–आईएएनएस
एसजीके
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इस्लामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अब एक-दूसरे पर नजर गड़ाए हुए हैं, देश की सेना अब टीटीपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की योजना बना रही है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक प्रमुख जमीनी और साथ ही हवाई हमले शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे पड़ोसी देश के साथ संबंधों में फूट पड़ सकती है।
सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कड़ी चेतावनी जारी की थी कि राज्य की पूरी ताकत हिंसा का सहारा लेने वाले सभी और किसी भी संस्था पर कार्रवाई करेगी।
यह पाकिस्तान में टीटीपी द्वारा बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है और फिर अपने दोस्ताना सहयोगी अफगान तालिबान की शरण ले लेता है।
आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। इसके बावजूद नागरिक-सैन्य नेतृत्व इस जवाबी हमले की योजना बना रहा है, ताकि दलदल को खत्म किया जा सके। स्पष्ट संकेत हैं कि अमेरिका इस योजना का समर्थन कर रहा है।
आतंक के खिलाफ इस नए युद्ध के नियॉन संकेत पिछले हफ्ते आए, जब पाकिस्तानी नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के तत्वावधान में देश में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता दिखाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिलावल भुट्टो ने भी भाग लिया, जिन्होंने विद्रोहियों के खिलाफ एक नई नीति की वकालत की थी। शरीफ सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की सुरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित हैं, जो टीटीपी समर्थित आतंकी गतिविधियों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का संकेत है।
एससीएमपी के अनुसार, पाकिस्तान के नेतृत्व का बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी शिविरों के खिलाफ एक हवाई अभियान द्वारा समर्थित एक बड़े हमले की योजना बना रहा है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिसर्च फेलो अब्दुल बासित ने एससीएमपी को बताया, निश्चित रूप से एक बड़ा जमीनी अभियान होगा। दलदल को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस के नेतृत्व वाले हमलों को नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने दिस वीक इन एशिया को बताया कि हवाई हमले और सीमा पार अभियानों में ड्रोन के इस्तेमाल की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा, जमीनी घुसपैठ से पहले आतंकी ठिकानों को कमजोर करने के लिए अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के अंदर कुछ उड़ानें समान रूप से अपेक्षित हैं।
पाकिस्तान सरकार के अनुसार, लगभग 7,000 से 10,000 टीटीपी आतंकवादी- उनके परिवार के 25,000 सदस्यों के साथ – अफगानिस्तान में स्थित हैं।
इस नए षड्यंत्र में अमेरिका के दृष्टिकोण की पुष्टि तब हुई, जब भुट्टो ने पुष्टि की कि अमेरिका अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए अपनी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को धन उपलब्ध कराने को तैयार है।
2023 के अमेरिकी बजट के हिस्से के रूप में कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा के साथ पाकिस्तान की मदद करने के लिए करोड़ों डॉलर के फंडिंग को मंजूरी दी है, उन्हें डॉन ने कहा था।
डॉन को भुट्टो की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि जबकि अमेरिका दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध चाहता है, वह अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक प्रतीत होता है।