क्वेटा, 16 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कलात इलाके में शनिवार तड़के एक सैन्य शिविर पर हुए हमले में कम से कम सात पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए और 15 अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।
जानकारी के अनुसार, भारी मात्रा में गोला-बारूद से लैस बीएलए आतंकवादियों ने कलात के शाह मर्दन इलाके में पाकिस्तानी सेना के मुख्य शिविर पर हमला किया।
यह हमला पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की ओर से पिछले कुछ दिनों में जारी अभियानों के जवाब में किया गया। सेना के ऑपरेशन में बड़ी संख्या में आंतकवादी मार गए हैं।
बताया जा रहा है कि हमलावरों ने शिविर पर कथित तौर पर एक साथ कई दिशाओं से हमला किया।
पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की ओर से इस घटना के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। हालांकि, कलात के स्थानीय सूत्रों की मानें तो यह हमला बड़ी संख्या में आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) बलूचिस्तान के सैनिक हताहत हुए।
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के प्रवक्ता जीयान बलूच ने मीडिया को जारी एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली।
बयान में कहा गया, “हम कलात में पाकिस्तानी सेना के शिविर पर हमले की जिम्मेदारी लेते हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने कलात में पाकिस्तानी सेना के शिविर पर हमला किया।”
सूत्रों का कहना है कि हमले में हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
बलूचिस्तान में बीएलए जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ वर्तमान में कई सैन्य अभियान चलाए जा रहे हैं।
हाल ही में, पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने बलूचिस्तान के केच जिले में समानांतर अभियानों में कम से कम 12 आतंकवादियों को मार गिराया।
आईएसपीआर के मुताबिक उसने केच में खुफिया जानकारी के आधार पर एक अभियान चलाया, जिसमें आतंकवादियों के साथ-साथ बीएलए के एक महत्वपूर्ण लक्ष्य सना बारू को भी मार गिराया गया।
आईएसपीआर ने कहा, “सना बारू केच जिले में बलूच लिबरेशन आर्मी की तथाकथित मजीद ब्रिगेड के लिए एक मुख्य भर्ती एजेंट था, खास तौर पर आत्मघाती हमलावरों का। कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा लंबे समय से उसकी तलाश की जा रही थी।
ऐसा माना जा रहा है कि शनिवार का हमला बारू की हत्या के जवाब में बीएलए द्वारा किया गया है। कलात के स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से पाकिस्तानी सेना इस क्षेत्र में कई ऑपरेशन कर रही है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) इलाकों में इस साल हिंसा में भारी उछाल देखा गया है, जिससे सशस्त्र बल और कानून प्रवर्तन एजेंसियां सतर्क हैं और अराजकता बढ़ने का खतरा बना हुआ है।
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, साल की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में आतंकवादी हिंसा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में मौतों में तेज वृद्धि देखी गई, जिसमें हिंसा में 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
–आईएएनएस
पीएसके/एमके