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Home ताज़ा समाचार

पाकिस्तान में बिपरजॉय को लेकर हाई-अलर्ट, सुरक्षित जगहों पर भेजे गए हजारों लोग

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June 14, 2023
in ताज़ा समाचार
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पाकिस्तान में बिपरजॉय को लेकर हाई-अलर्ट, सुरक्षित जगहों पर भेजे गए हजारों लोग
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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

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अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

–आईएएनएस

एबीएम/एसकेपी

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

–आईएएनएस

एबीएम/एसकेपी

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

–आईएएनएस

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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एबीएम/एसकेपी

इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

–आईएएनएस

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

–आईएएनएस

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सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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इस्लामाबाद, 14 जून (आईएएनएस)। बेहद खतरनाक बनते जा रहे चक्रवात बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी हाई-अलर्ट है। भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी 14 जून को बिपरजॉय चक्रवात के लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए सिंध प्रांत के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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सिंध प्रांत के विभिन्न इलाकों के अलावा थट्टा, सुजावल और बादिन से भी हजारों लोग पहले ही चक्रवात के कहर से बचने के लिए अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। इसी बीच संवेदनशील इलाकों को धूल भरी आंधी, हल्की से भारी बारिश ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रेणी-3 के चक्रवात के गुरुवार शाम कराची (पाकिस्तान) और मांडवी (भारत) में लैंडफॉल का अनुमान जताया गया है। ये भी बताया गया है कि इस दौरान 140 से 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है, जो 170 किमी प्रतिघंटे की गति तक जा सकती है।

बिपरजॉय चक्रवात के बुधवार को उत्तर की दिशा में बढ़ने के बाद पूर्व की तरफ दिशा बदलने का अनुमान है। अधिकारियों के मुताबिक बिपरजॉय का लैंडफॉल थट्टा के केटी बांदर और भारत के गुजरात के तटीय इलाकों में हो सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात से थट्टा, बादिन, सुजावल, कराची, मीरपुरखास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा, टंडो अल्लाहयार और टंडो मोहम्मद खान जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, जिला प्रशासन की तटीय इलाकों में तैनाती शुरू कर दी है। जिन्होंने सिंध के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की कार्रवाई तेज कर दी है।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान का कहना है कि स्कूल और दूसरे सरकारी इमारतों में रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। कुछ तटीय इलाकों से छोटी-बड़ी नावों को हटाया गया है। अस्पतालों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीएमए) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ताजा हालात से जुड़ी जानकारियां दी है। एनडीएमए ने कहा है कि बुधवार की सुबह तक करीब एक लाख लोगों को प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार की रात तक थट्टा, सुजावल, बादिन जिले के 56,985 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सिध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का कहना है कि सिंध प्रांत के तीन जिले में 37 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। जिसमें केटी बांदर में सात, घोबदारी में तीन, शहीद फजली राहू में 10, बादिन में तीन, शाहबांदर में दस और जटी में चार रिलीफ कैंप हैं।

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