नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने कहा है कि अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और उसके जैसे अन्य समूहों के आतंकवादियों के लिए उपलब्ध पनाहगाह पाकिस्तान की सुरक्षा पर असर डालने वाला है, जो चिंता का विषय है।
जियो न्यूज के मुताबिक, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने सोमवार को एक बयान में कहा, यह बयान रावलपिंडी के जनरल मुख्यालय में सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर की अध्यक्षता में आयोजित 258वें कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (सीसीसी) के बाद आया।
बयान में कहा गया है, “पड़ोसी देश में प्रतिबंधित टीटीपी और उस जैसे अन्य समूहों के आतंकवादियों के लिए उपलब्ध पनाहगाह और कार्रवाई की स्वतंत्रता और आतंकवादियों के लिए नवीनतम हथियारों की उपलब्धता को पाकिस्तान की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारणों के रूप में देखा गया।”
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसपीआर ने कहा कि प्रतिभागियों को मौजूदा आंतरिक सुरक्षा माहौल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और आतंकवाद के खतरे के खिलाफ अपनी मातृभूमि की रक्षा में बहादुर सैनिकों द्वारा लगातार दिए जा रहे सर्वोच्च बलिदानों को श्रद्धांजलि दी गई।
मंच ने सेना की परिचालन तैयारियों और प्रशिक्षण पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।
आईएसपीआर ने जनरल मुनीर के हवाले से कहा, “उद्देश्यपूर्ण प्रशिक्षण हमारी व्यावसायिकता की पहचान बनी हुई है और हमें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे से बचाव के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।”
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि वह गंभीर रूप से चिंतित है कि आतंकवादियों को पड़ोसी देश में सुरक्षित पनाह मिल गई है और दो हमलों में उसके 12 सैनिकों के शहीद होने के दो दिन बाद उन्होंने “प्रभावी प्रतिक्रिया” लेने की धमकी दी थी।
–आईएएनएस
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