चेन्नई, 12 अगस्त (आईएएनएस)। पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) चाहता है कि कर्नाटक द्वारा तमिलनाडु को कावेरी का पानी देने से इनकार करने के बाद केंद्र सरकार बांधों के प्रबंधन के लिए कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) का गठन करे।
शनिवार को एक बयान में, पीएमके के प्रदेश अध्यक्ष अंबुमणि रामदास ने कहा कि कर्नाटक को 9 अगस्त तक तमिलनाडु को 38 टीएमसी पानी जारी करना चाहिए था। यह सुप्रीम कोर्ट और कावेरी ट्रिब्यूनल के फैसले के अनुसार है।
पीएमके नेता ने कहा कि कर्नाटक के अधिकारियों के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ कावेरी ट्रिब्यूनल के फैसलों का पालन करने से इनकार कर दिया है।
रामदास ने कहा कि कावेरी और उसकी सहायक नदियों पर बने चार बांधों में 93.05 टीएमसी पानी है, जो कुल क्षमता का 81 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा की तुलना में बांधों में वर्तमान में 244 प्रतिशत अधिक पानी है।
पीएमके नेता ने यह भी कहा कि सीडब्ल्यूएमए के पास कर्नाटक के खिलाफ कार्रवाई करने की कोई शक्ति नहीं है।
बयान में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीडब्ल्यूएमए केवल केंद्र सरकार से प्राधिकरण के फैसले को लागू करने का अनुरोध कर सकता है।
रामदास ने कहा कि बांधों को संभालने की शक्ति सीडब्ल्यूएमए को दी जानी चाहिए, ताकि राज्य पानी से वंचित न हो।
उन्होंने तमिलनाडु सरकार से इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट जाने का आह्वान किया।
कर्नाटक पक्ष द्वारा राज्य को देय 37.9 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसीएफटी) जारी करने से इनकार करने के बाद तमिलनाडु पक्ष शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित सीडब्ल्यूएमए बैठक से बाहर चला गया था।
–आईएएनएस
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