नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा वस्तुओं के मूल्य निर्धारण करने के तरीके को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे लंबी अवधि में छोटे दुकानदारों और बाजार को नुकसान हो सकता है।
एक इवेंट में ‘नेट इम्पैक्ट ऑफ ई-कॉमर्स ऑन एम्प्लॉयमेंट एंड कंज्यूमर वेलफेयर इन इंडिया’ नाम की रिपोर्ट को लॉन्च करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब अमेजन कहता है कि हम भारत में अरबों डॉलर का निवेश करने जा रहे हैं, तो हम सभी इस बात की खुशी मनाते हैं, लेकिन हम इसके पीछे की कहानी को भूल जाते हैं कि यह अरबों डॉलर कोई सेवा कार्य या फिर भारतीय अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए नहीं है।
मंत्री ने आगे कहा कि ये अरबों डॉलर केवल उस नुकसान की भरपाई के लिए है कि कंपनी की भारतीय इकाई ने इस वर्ष में किया है।
अगर कोई कंपनी साल में 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान कर रही है, तो इससे मूल्य निर्धारण में गड़बड़ी जैसी गंध नहीं आती है।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के नुकसान से ऐसा लगता है कि कंपनी मूल्य निर्धारण में गड़बड़ी कर रही है, जिससे कि छोटे दुकानदार बिजनेस से बाहर हो जाएं।
गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स 27 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इस तरह के विस्तार का सामाजिक असर होगा, खास कर 10 करोड़ से ज्यादा छोटे दुकानदारों को जो कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं।
मंत्री ने आगे कहा कि ई-कॉमर्स सेक्टर की इस तेज वृद्धि हमारे लिए गर्व का नहीं चिंता का विषय है क्योंकि अगले 10 वर्षों में आधा बाजार ई-कॉमर्स का हिस्सा होने वाला है।
उनके आगे कहा कि हम ई-कॉमर्स से दूर नहीं जा रहे। यह बना रहेगा, लेकिन इस इंडस्ट्री को नए तरीके से ढालने की आवश्यकता है। यहां सबसे बड़ा सवाल है कि क्या कीमतों में गड़बड़ी करना देश के लिए अच्छा है।
–आईएएनएस
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