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Home ताज़ा समाचार

पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने जताई खुशी

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August 9, 2024
in ताज़ा समाचार
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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

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उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

–आईएएनएस

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

–आईएएनएस

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

–आईएएनएस

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

–आईएएनएस

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

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पेरिस, 9 अगस्त (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मैच के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बात करते हुए पदक मिलने पर खुशी जताई।

भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

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भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “मेडल जीतकर हम लोग घर जा रहे हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा आसान नहीं थी, बहुत मुश्किल थी। जितना टीम के लिए कर सकता था, उतना किया।”

उन्होंने कहा कि, क्रिकेट की तुलना में फाइनेंशियली हम लोग कमजोर हैं। लेकिन अगर कहीं भी जाओ तो एक हॉकी फैन मिलेगा, जो कहेगा कि आपने अच्छा किया।

श्रीजेश ने बताया कि गोलकीपर के रूप में खेलना हमेशा मुश्किल रहा है। कई बार स्टैंडबाय, सेकंड गोलकीपर के रूप में भी खेला हूं। कई मैचों में हार और कई मैचों में जीत मिली है। हॉकी मे गोलकीपर का काम बहुत कठिन है।

मैच के दौरान गोल पोस्ट से बात करने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यहां से जवाब नहीं आता, ये सिर्फ सुनता है। प्लेयर व्यस्त रहते हैं, उनके पास उतना समय नहीं रहता है कि बात करें। इसलिए गोलपोस्ट मेरा घर है, इससे मैं अच्छे से बात कर लेता हूं।

बता दें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी।

इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया।

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