नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। साहित्यकार हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपने निबंध ‘अशोक के फूल’ में कहा है, “मिर्च बिना, जिंदगी में स्वाद नहीं…” वहीं, आयुर्वेद कहता है कि औषधीय गुणों से भरपूर मिर्च केवल भोजन का स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम है। मिर्च के सेवन से अनेकों लाभ मिलते हैं।
मिर्च का तीखापन न हो तो खाने से चटपटापन ही खत्म हो जाएगा। हालांकि, आयुर्वेद में मिर्च का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि हरी मिर्च में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यदि एक हरी मिर्च का सेवन नियमित रूप से किया जाए तो यह काफी फायदेमंद होता है।
हरी मिर्च के औषधीय गुणों को गिनाते हुए पंजाब स्थित ‘बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल’ के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी ने बताया कि इसमें विटामिन ए, सी, के और फीटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। हरी मिर्च में बीटा कैरोटीन, एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। इसके सेवन से मधुमेह नियंत्रित होता है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। हृदय रोगों, सिरदर्द, थकान, अनिद्रा के साथ शरीर को डिटॉक्स करने का भी काम करता है।
डॉक्टर तिवारी ने मिर्च के सेवन से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी देते हुए बताया, “मिर्च को आयुर्वेद में ‘कुमऋचा’ के नाम से जाना जाता है। इसका सेवन स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। हरी मिर्च के सेवन से मधुमेह नियंत्रित होता है। पाचन तंत्र दुरुस्त होता है और इससे आंतों में जमने वाले बैक्टीरिया भी दूर होते हैं। हरी मिर्च में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो संक्रमण को भी दूर करते हैं। हरी मिर्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करती है।”
उन्होंने आगे बताया, “रोजाना हरी मिर्च के सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और कैप्सैसिन नामक तत्व की वजह से शरीर का तापमान सामान्य रहता है। मिर्च हृदय रोगों में भी फायदेमंद है।”
डॉक्टर तिवारी ने बताया कि मिर्च का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए, अन्यथा पेट में जलन की शिकायत हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि बवासीर के मरीजों को लाल मिर्च के सेवन से बचना चाहिए। हालांकि, हरी मिर्च के सेवन से कोई समस्या नहीं होती।
–आईएएनएस
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