दोहा, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। रोसनेफ्ट के सीईओ इगोर सेचिन ने कहा कि डॉलर का इस्तेमाल प्रतिबंधों के हथियार के रूप में करने से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उसकी भूमिका सीमित हुई है, और इसकी जगह अन्य मुद्राएं, खासतौर पर आरएमबी (चीनी मुद्रा), ले रही हैं।
सेचिन ने दोहा फोरम में कहा, “प्रतिबंधों के दुरुपयोग और प्रतिबंध उपकरण के रूप में डॉलर के उपयोग ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में इसके आवेदन के दायरे को सीमित कर दिया और विकल्पों की खोज को प्रेरित किया, जो राष्ट्रीय मुद्राएं बन गईं, जैसे मुख्य रूप से युआन।”
रुस की सबसे बड़ी तेल कंपनी रोसनेफ्ट के हेड ने आगे कहा, “राष्ट्रीय मुद्रा प्रणालियों की गारंटीकृत सुरक्षा के साधन के रूप में सोने की वापसी “सबसे सार्वभौमिक और ऐतिहासिक रूप से उचित” थी। विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा 8% बढ़कर 20% तक पहुंच गया है।
उन्होंने यह भी जोर दिया कि अगर डॉलर को दोबारा वैश्विक मुद्रा बनाना है, तो इसे प्रतिबंध लगाने के उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना बंद करना होगा।
सेचिन ने यह भी बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में थीं। इनमें टैक्स कम करना, नौकरियों को वापस लाना, घरेलू बाजार की रक्षा करना और राष्ट्रीय उत्पादकों को समर्थन देना शामिल है।
उन्होंने कहा, “ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, न कि कनाडा, मेक्सिको या चीन के। इसलिए इन देशों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इन पर विश्व व्यापार संगठन की निष्क्रियता के बीच नई ड्यूटी लागू की जाएगी”
इसके अलावा, अमेरिकी बाजार में ईंधन की लागत कम करने के लिए, उत्पादन पर सभी प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे, करों में कटौती की जाएगी, प्रशासनिक बाधाओं को हटा दिया जाएगा और वास्तविक क्षेत्र में निवेश को भ्रामक वैकल्पिक ऊर्जा से दूर किया जाएगा।
सेचिन ने कहा कि अमेरिकी ऋण के पुनर्गठन के तरीके तलाशे जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया, “प्रसिद्ध अमेरिकी विश्लेषक ज़ोल्टन पॉजसर के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया पर एक नई वित्तीय प्रणाली थोपने की कोशिश कर सकता है, जिसमें सभी आयातों पर कुल शुल्क लगाने की धमकी दी जाएगी। इसमें पूरे अमेरिकी राज्य ऋण को सौ साल की परिपक्वता और आज के मानकों से काफी कम ब्याज दर वाले ट्रेजरी बॉन्ड में बदलना शामिल है।
–आईएएनएस
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