लाहौर, 23 मई (आईएएनएस)। लाहौर के पूर्व कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सलमान फैयाज गनी 9 मई को पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़के हिंसक विरोध के बीच प्रदर्शनकारियों को अपने घर में घुसने और तोड़फोड़ करने की अनुमति देने के मामले में जांच के घेरे में हैं। द न्यूज ने बताया कि पीटीआई के पदाधिकारियों के साथ उनके संबंधों की भी जांच की जा रही है। गनी की पत्नी पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की चचेरी बहन हैं।
इससे पहले, कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था कि लेफ्टिनेंट जनरल गनी लापता हो गए हैं।
रिपोटरें में कहा गया है कि साजिश रचने के मामले में सेना प्रमुख के आदेश पर उनका अपहरण कर लिया गया था।
डॉन की खबर के मुताबिक, 13 मई को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया में चल रही खबरों को खारिज कर दिया कि सेना के कुछ शीर्ष अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है और सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल असीम मुनीर की बात नहीं मानी है।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी शरीफ ने कहा, मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जनरल असीम मुनीर और उनके अधीन वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व पूरे दिल से लोकतंत्र का समर्थन करते हैं और ऐसा करते रहेंगे। मार्शल लॉ का कोई सवाल ही नहीं है।
विस्तार के लिए दबाव डालने पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दोहराई। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, डीजी ने कहा, न तो कोई इस्तीफा दिया गया और न ही कोई अवज्ञा की गई।
9 मई को, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के परिसर से अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को गिरफ्तार करने के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ की और यहां तक कि रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय और लाहौर कोर कमांडर के आवास पर भी हमला किया।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, दंगे के बाद पीटीआई नेताओं और कार्यकर्तार्ओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, जो अब भी जारी है।
जियो न्यूज ने बताया कि पाकिस्तानी सेना के जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) पर हमले और लाहौर कॉर्प्स कमांडर के घर में तोड़फोड़ के बाद, अधिकारियों ने पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।
समा टीवी ने बताया कि पंजाब के अंतरिम मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा है कि दंगाई 9 मई को हिंसक दंगों के दौरान मियांवाली में पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) अड्डे पर विमानों को आग लगाना चाहते थे।
मोहसिन नकवी ने कहा कि पीटीआई दंगाइयों ने 108 कारों और 26 इमारतों को जला दिया और शहरों के कैमरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
नकवी ने कहा कि जिन्ना हाउस पर हमले में पीटीआई की महिला नेता यास्मीन राशिद की अहम भूमिका थी।
समा टीवी ने बताया कि जिन्ना हाउस के बाहर करीब 3,400 लोग मौजूद थे, जबकि अंदर करीब 400 लोग मौजूद थे।
–आईएएनएस
सीबीटी