चेन्नई, 26 जनवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु की अग्रणी भरत नाट्यम नृत्यांगना पद्मा सुब्रमण्यम को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
4 फरवरी, 1943 को मद्रास में जन्मी, वह ‘भारत नृत्यम’ के लिए विख्यात हैं, जिसकी कल्पना, विकास और कोरियोग्राफी उनके द्वारा की गई थी।
वह नृत्य में शोधकर्ता भी हैं और उन पर भारतीय और विदेशी दोनों फिल्म निर्माताओं द्वारा कई वृत्तचित्र बनाए गए हैं।
उन्हें 1981 में पद्मश्री और 2003 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
–आईएएनएस
सीबीटी/
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चेन्नई, 26 जनवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु की अग्रणी भरत नाट्यम नृत्यांगना पद्मा सुब्रमण्यम को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
4 फरवरी, 1943 को मद्रास में जन्मी, वह ‘भारत नृत्यम’ के लिए विख्यात हैं, जिसकी कल्पना, विकास और कोरियोग्राफी उनके द्वारा की गई थी।
वह नृत्य में शोधकर्ता भी हैं और उन पर भारतीय और विदेशी दोनों फिल्म निर्माताओं द्वारा कई वृत्तचित्र बनाए गए हैं।
उन्हें 1981 में पद्मश्री और 2003 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
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4 फरवरी, 1943 को मद्रास में जन्मी, वह ‘भारत नृत्यम’ के लिए विख्यात हैं, जिसकी कल्पना, विकास और कोरियोग्राफी उनके द्वारा की गई थी।
वह नृत्य में शोधकर्ता भी हैं और उन पर भारतीय और विदेशी दोनों फिल्म निर्माताओं द्वारा कई वृत्तचित्र बनाए गए हैं।
उन्हें 1981 में पद्मश्री और 2003 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
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4 फरवरी, 1943 को मद्रास में जन्मी, वह ‘भारत नृत्यम’ के लिए विख्यात हैं, जिसकी कल्पना, विकास और कोरियोग्राफी उनके द्वारा की गई थी।
वह नृत्य में शोधकर्ता भी हैं और उन पर भारतीय और विदेशी दोनों फिल्म निर्माताओं द्वारा कई वृत्तचित्र बनाए गए हैं।
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वह नृत्य में शोधकर्ता भी हैं और उन पर भारतीय और विदेशी दोनों फिल्म निर्माताओं द्वारा कई वृत्तचित्र बनाए गए हैं।
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4 फरवरी, 1943 को मद्रास में जन्मी, वह ‘भारत नृत्यम’ के लिए विख्यात हैं, जिसकी कल्पना, विकास और कोरियोग्राफी उनके द्वारा की गई थी।
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वह नृत्य में शोधकर्ता भी हैं और उन पर भारतीय और विदेशी दोनों फिल्म निर्माताओं द्वारा कई वृत्तचित्र बनाए गए हैं।
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वह नृत्य में शोधकर्ता भी हैं और उन पर भारतीय और विदेशी दोनों फिल्म निर्माताओं द्वारा कई वृत्तचित्र बनाए गए हैं।
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