अयोध्या, 22 जनवरी (आईएएनएस)। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में दीपोत्सव मनाया गया। इसके बाद अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम का चित्रण करने वाला लेजर और लाइट शो का आयोजन हुआ।
सोमवार को श्रीरामलला के अपने दिव्य-भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत दीपोत्सव मनाया गया। प्रभु के भक्त संकटमोचक हनुमानगढ़ी मंदिर के सामने भी भक्ति में लीन अवधपुरी में आयोजन अद्वितीय हो गया। सभी के मन में इस बार अलग ही उमंग, उत्साह और उल्लास रहा, क्योंकि, 500 वर्षों का संघर्ष समाप्त हो गया।
अयोध्या दीपोत्सव में आस्था, आह्लाद और आत्मीयता के दीप जले। सहज आह्लाद के साथ आत्मीयता के भावों को संजोए हुए आराध्य प्रभु के प्रति आस्था निवेदित करते हुए सरयू तीरे, राम की पैड़ी, मठ-मंदिरों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जल रहे अनगिनत दीपों के बीच निहाल श्रद्धालुओं का हर्ष, उमंग और अनुभूति हर कोई महसूस कर रहा था।
सहज भाव से हो रहे ‘राम राम जय राजा राम’, ‘जय सिया राम’, ‘सियावर रामचंद्र की जय’ जयघोष के साथ सरयू की लहरों में उठती तरंगें देख ऐसा लगा कि मानो सरयू मैया भी अपने राम की जयकार कर रही हों। श्रीराम के इस महाउत्सव पर पूरी अवधपुरी को सजाया गया था। अयोध्या के मंदिरों, छोटी गलियों से लेकर मुख्य मार्गों, सरकारी, धार्मिक भवनों पर तो आकर्षक लाइटिंग की ही गई थी, नगरवासियों ने भी घरों में दीप जलाकर अपने राम को अपने बीच महसूस किया।
प्रतिदिन की भांति सरयू मैया की आरती भी उतारी गई। यहां अनेक साधु-संतों के साथ अनेक विशिष्ट जनों ने घाटों पर आरती की।
बता दें कि 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब सत्ता संभाली तो दीपोत्सव के भव्य-दिव्य आयोजन की परिकल्पना तैयार की गई। प्रतिवर्ष इसकी भव्यता बढ़ती चली गई। 2023 में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला दीपोत्सव भी हर रिकॉर्ड तोड़कर अभूतपूर्व हुआ। इसमें 22.23 लाख दीप प्रज्ज्वलित हुए। ठीक तीन माह के अंतराल पर 2024 में अयोध्यावासियों ने श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा पर पुनः दीपावली मनाई।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद कहा कि रामलला के दर्शन मंगलवार से शुरू हो जाएंगे। सुरक्षा के लिहाज से आम लोगों के लिए रामलला के दर्शन पर रोक लगा दी गई थी।
–आईएएनएस
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