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प्रीमियम और महिला आरक्षित कोच के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल अगले महीने होगी शुरू

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February 24, 2023
in अर्थजगत
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प्रीमियम और महिला आरक्षित कोच के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल अगले महीने होगी शुरू
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नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। एक प्रीमियम कोच और एक महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की सुविधा के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल सेवा जल्द शुरू होगी।

इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

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इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

–आईएएनएस

पीटीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। एक प्रीमियम कोच और एक महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की सुविधा के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल सेवा जल्द शुरू होगी।

इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। एक प्रीमियम कोच और एक महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की सुविधा के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल सेवा जल्द शुरू होगी।

इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। एक प्रीमियम कोच और एक महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की सुविधा के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल सेवा जल्द शुरू होगी।

इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। एक प्रीमियम कोच और एक महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की सुविधा के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल सेवा जल्द शुरू होगी।

इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

–आईएएनएस

पीटीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। एक प्रीमियम कोच और एक महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की सुविधा के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल सेवा जल्द शुरू होगी।

इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

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दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

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इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

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खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

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दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

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रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

–आईएएनएस

पीटीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। एक प्रीमियम कोच और एक महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की सुविधा के साथ साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल सेवा जल्द शुरू होगी।

इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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इस वल्र्डक्लास सुपरफास्ट ट्रेन की पहली झलक शुक्रवार को दिखाई गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहली बार इसे ट्रायल रन के दौरान मीडिया को देखने की इजाजत दी।

इस ट्रेन में एयरपोर्ट मेट्रो की तरह समान रखने की फैसिलिटी के साथ ही मोबाइल, लैपटॉप चाजिर्ंग प्वाइंट्स और वाईफाई भी दिया गया है। इसमें अलग-अलग 3 तरह के कोच हैं।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एक विमान के शेप में डिजाइन किया गया है। ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते इसे डिजाइन किया जाता है। रैपिड रेल की में शुरूआत में छह कोच होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठे और खड़े यात्रियों को मिलाकर एक कोच में 150 यात्रियों की क्षमता होगी। वहीं पूरी ट्रेन 1700 यात्रियों को सफर करने की क्षमता है।

इस ट्रेन के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी। इस ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा। सभी कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे।

खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतेजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही रैपिड मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई हैं। जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।

रैपिड रेल के आधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन को मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि मेरठ से एक घण्टे में दिल्ली पहुंचने का और कोई साधन नहीं है।

हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी। सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है।

दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी। यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे। वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी।

दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है।

रैपिड रेल के इसी पहले खंड को जो साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इसे अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है, ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है और अब ट्रायल रन किया जा रहा है। एक औपचारिक ट्रायल के बाद, अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। फिलहाल रैपिड रेल के छह कोच बनकर तैयार हो गए हैं और इनका ट्रायल रन किया जा रहा है।

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