कोलकाता, 29 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल स्थित नागरिक समाज मंच, बैंक बचाओ देश बचाओ मंच ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखकर ऋण माफी की बढ़ती घटनाओं को स्वत: संज्ञान लेकर न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
आईएएनएस के पास उपलब्ध पत्र में दावा किया गया है कि बैंकों ने पिछले तीन वर्षों में माफ किए गए 586,891 करोड़ रुपये के ऋण में से केवल 109,186 करोड़ रुपये की वसूली की। इससे पता चलता है कि वे केवल 18.60 प्रतिशत ही वसूल सके।
फोरम के संयुक्त संयोजक विश्वरंजन रॉय और सौम्या दत्ता द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में लिखा “हमारी सुविचारित राय है कि बड़े पैमाने पर खराब ऋणों को माफ करना राष्ट्रीय खजाने की लूट के समान है।“
मंच ने यह भी आशंका व्यक्त की है कि जानबूझकर ऋण अदा न करने वाले और संपत्ति खरीदने वाली इकाई दोनों कॉर्पोरेट घराने के लाभ के लिए राष्ट्रीय खजाने को लूटने के प्रणालीगत डिजाइन के लाभार्थी हैं।
पत्र में लिखा,“ डिफॉल्ट करने वाली इकाइयां कर्ज चुकाए बिना बच निकलती हैं, दूसरी इकाई बहुत सस्ती कीमत पर संपत्ति खरीदती है, जो दोनों के लिए फायदे की स्थिति है। एकमात्र इकाई जो खोने वाली है, वह राष्ट्रीय खजाना है क्योंकि सार्वजनिक धन को कॉर्पोरेट घरानों द्वारा लूटा जा रहा है।”
–आईएएनएस
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