कोलकाता, 21 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के लंबित महंगाई भत्ते (डीए) पर मंगलवार को सुनवाई के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने आंदोलन को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
आंदोलनकारियों ने शहर की सड़कों पर अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की।
संयुक्त मंच के संयोजक भास्कर घोष ने कहा, कानूनी लड़ाई इस मुद्दे पर हमारे बड़े आंदोलन का एक हिस्सा मात्र है। हमारे डीए बकाया के भुगतान के अलावा हमारी दो अतिरिक्त मांगें हैं। पहला रिक्त पद को पारदर्शी तरीके से भरने की भर्ती और दूसरा संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण। इन मुद्दों पर हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं। कानूनी लड़ाई और सड़कों पर आंदोलन समानांतर तरीके से साथ-साथ चलते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के अगले चरण में नई दिल्ली में भी इसी तरह का धरना दिया जाएगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता और सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य बिकास रंजन भट्टाचार्य ने आंदोलनकारी कर्मचारियों को आश्वासन दिया। भट्टाचार्य ने कहा, शीर्ष अदालत पर दिन भर के लिए बहुत सारे मुकदमों के दबाव के कारण मामले की सुनवाई टाल दी गई थी। यह सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों दोनों में एक सामान्य मामला है।
यह पांचवीं बार है, जब शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई टाली है। सुनवाई की पहली तारीख पिछले साल 5 दिसंबर को शीर्ष अदालत की न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ में हुई थी। हालांकि, सुनवाई 14 दिसंबर को टाल दी गई।
हालाँकि, उस दिन मामले की सुनवाई नहीं हो सकी, क्योंकि दोनों न्यायाधीशों ने खुद को इससे अलग कर लिया। सुनवाई की अगली तारीख 16 जनवरी तय की गई। हालांकि, उस दिन भी सुनवाई नहीं हुई क्योंकि इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे में तकनीकी खामियां थीं।
नई तारीख 15 मार्च तय की गई थी और उस दिन मामले को 21 मार्च के लिए टाल दिया गया था। हालांकि, मंगलवार को मामले को फिर से 11 अप्रैल के लिए टाल दिया गया है।
–आईएएनएस
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