कोलकाता, 24 जनवरी (आईएएनएस)। माकपा की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की पश्चिम बंगाल इकाई की नई समिति का गठन फेडरेशन के 38वें राज्य सम्मेलन के आखिरी दिन बुधवार को किया गया।
प्रणय काजी ने एसएफआई के नए प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभाला है। देबंजन डे ने जनसंगठन के नए राज्य सचिव का पदभार संभाला है। फेडरेशन के सैद्धांतिक अंग छात्र संग्राम के नए संपादक सौविक दास बख्शी हैं।
एसएफआई के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में प्रणय काजी का चयन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि पहली बार उत्तर बंगाल के किसी छात्र नेता को उस कुर्सी की कमान सौंपी गई है।
इस साल एसएफआई की छात्र शाखा ने नेतृत्व पदों के लिए नए चेहरों का चयन करने के लिए कुछ अपरंपरागत तरीके अपनाए गए। हाल ही में, इतिहास में पहली बार दो महिला चेहरों को कोलकाता में एसएफआई के जिला अध्यक्ष (बरनाना मुखोपाध्याय) और जिला सचिव (दिधिति रॉय) के रूप में चुना गया था।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, इस तरह के घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि शीर्ष माकपा नेतृत्व पार्टी नेतृत्व के सभी स्थानों में युवा और महिला चेहरों को शामिल करने पर जोर दे रहा है।
राज्य में वामपंथी राजनीति के हलकों में यह अफवाह जोरों पर है कि पश्चिम बंगाल में एसएफआई के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सृजन भट्टाचार्य और निवर्तमान राज्य सचिव प्रतिकुर रहमान को इस साल होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों में माकपा का टिकट मिल सकता है।
पार्टी के दिग्गज नेता और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने भी हाल ही में कई मौकों पर पार्टी कार्यक्रमों में गति लाने के लिए नेतृत्व के विभिन्न स्तरों पर नए लोगों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया था।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ‘पुराने नेताओं’ बनाम ‘नए चेहरों’ के मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी कलह की पृष्ठभूमि में यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। पिछले साल पार्टी के महासचिव और लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व के सभी स्तरों पर ऊपरी आयु सीमा तय करने की अवधारणा पेश करने के बाद पार्टी में मतभेद सामने आने लगे, हालांकि दबी जुबान में।
–आईएएनएस
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