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Home ताज़ा समाचार

बंगाल राजभवन ने राज्यपाल पर निगरानी का आरोप लगाया, पुलिसकर्मियों को हटाने की सिफारिश की

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September 28, 2023
in ताज़ा समाचार
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कोलकाता, 28 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर निगरानी का आरोप लगाते हुए कोलकाता के राजभवन ने गवर्नर हाउस के परिसर के अंदर से कोलकाता पुलिस के सभी कर्मियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।

राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

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शहर के पुलिसकर्मी केवल मुख्य प्रवेश द्वारों और भवन के निकटवर्ती उद्यानों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में शहर पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं। वहीं, राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

संबंधित सर्किल्स में इस घटनाक्रम को राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच झगड़े के एक और दौर की शुरुआत के लिए ट्रिगर प्वाइंट के रूप में देखा जा रहा है।

इस साल फरवरी में राज्यपाल ने गवर्नर हाउस की तत्कालीन प्रमुख सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के प्रतिस्थापन की मांग की थी।

राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड

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कोलकाता, 28 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर निगरानी का आरोप लगाते हुए कोलकाता के राजभवन ने गवर्नर हाउस के परिसर के अंदर से कोलकाता पुलिस के सभी कर्मियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।

राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

शहर के पुलिसकर्मी केवल मुख्य प्रवेश द्वारों और भवन के निकटवर्ती उद्यानों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में शहर पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं। वहीं, राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

संबंधित सर्किल्स में इस घटनाक्रम को राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच झगड़े के एक और दौर की शुरुआत के लिए ट्रिगर प्वाइंट के रूप में देखा जा रहा है।

इस साल फरवरी में राज्यपाल ने गवर्नर हाउस की तत्कालीन प्रमुख सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के प्रतिस्थापन की मांग की थी।

राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 28 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर निगरानी का आरोप लगाते हुए कोलकाता के राजभवन ने गवर्नर हाउस के परिसर के अंदर से कोलकाता पुलिस के सभी कर्मियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।

राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

शहर के पुलिसकर्मी केवल मुख्य प्रवेश द्वारों और भवन के निकटवर्ती उद्यानों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में शहर पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं। वहीं, राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

संबंधित सर्किल्स में इस घटनाक्रम को राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच झगड़े के एक और दौर की शुरुआत के लिए ट्रिगर प्वाइंट के रूप में देखा जा रहा है।

इस साल फरवरी में राज्यपाल ने गवर्नर हाउस की तत्कालीन प्रमुख सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के प्रतिस्थापन की मांग की थी।

राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 28 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर निगरानी का आरोप लगाते हुए कोलकाता के राजभवन ने गवर्नर हाउस के परिसर के अंदर से कोलकाता पुलिस के सभी कर्मियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।

राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

शहर के पुलिसकर्मी केवल मुख्य प्रवेश द्वारों और भवन के निकटवर्ती उद्यानों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में शहर पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं। वहीं, राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

संबंधित सर्किल्स में इस घटनाक्रम को राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच झगड़े के एक और दौर की शुरुआत के लिए ट्रिगर प्वाइंट के रूप में देखा जा रहा है।

इस साल फरवरी में राज्यपाल ने गवर्नर हाउस की तत्कालीन प्रमुख सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के प्रतिस्थापन की मांग की थी।

राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

–आईएएनएस

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राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

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संबंधित सर्किल्स में इस घटनाक्रम को राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच झगड़े के एक और दौर की शुरुआत के लिए ट्रिगर प्वाइंट के रूप में देखा जा रहा है।

इस साल फरवरी में राज्यपाल ने गवर्नर हाउस की तत्कालीन प्रमुख सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के प्रतिस्थापन की मांग की थी।

राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

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राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

शहर के पुलिसकर्मी केवल मुख्य प्रवेश द्वारों और भवन के निकटवर्ती उद्यानों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में शहर पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं। वहीं, राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

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इस साल फरवरी में राज्यपाल ने गवर्नर हाउस की तत्कालीन प्रमुख सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के प्रतिस्थापन की मांग की थी।

राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

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राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

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राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

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राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

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राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

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राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

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राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

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शहर के पुलिसकर्मी केवल मुख्य प्रवेश द्वारों और भवन के निकटवर्ती उद्यानों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में शहर पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं। वहीं, राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

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राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

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कोलकाता, 28 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर निगरानी का आरोप लगाते हुए कोलकाता के राजभवन ने गवर्नर हाउस के परिसर के अंदर से कोलकाता पुलिस के सभी कर्मियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।

राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ”राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।”

शहर के पुलिसकर्मी केवल मुख्य प्रवेश द्वारों और भवन के निकटवर्ती उद्यानों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में शहर पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं। वहीं, राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

संबंधित सर्किल्स में इस घटनाक्रम को राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच झगड़े के एक और दौर की शुरुआत के लिए ट्रिगर प्वाइंट के रूप में देखा जा रहा है।

इस साल फरवरी में राज्यपाल ने गवर्नर हाउस की तत्कालीन प्रमुख सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के प्रतिस्थापन की मांग की थी।

राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि उस संबंध में राज्यपाल का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।

–आईएएनएस

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