कोलकाता, 1 नवंबर (आईएएनएस)। करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को पकड़ने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अब कई वर्तमान और पूर्व अधिकारियों पर नजर रख रहे हैं। कथित घोटाले में उसी विभाग को लाभार्थी माना जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले में तलब करने और पूछताछ करने के लिए ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया कि ऐसे अधिकारियों के नाम ईडी के छापे और तलाशी अभियान के दौरान जब्त किए गए कई दस्तावेजों में सामने आए हैं, साथ ही गिरफ्तार व्यवसायी बकीबुर रहमान और मंत्री के पूर्व निजी सहायक अभिजीत दास जैसे उनसे पहले ही पूछताछ कर चुके लोगों द्वारा दिए गए बयानों में भी सामने आए हैं।
ईडी के अधिकारियों को सबसे पहले राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में उच्च और शक्तिशाली लोगों की संलिप्तता का एहसास तब हुआ, जब उन्होंने बकीबुर रहमान के कार्यालय से विभाग से जुड़ी कई राज्य सरकार की मुहरें जब्त कीं।
उनके कार्यालय से बरामद राज्य सरकार की मुहरों में पश्चिम बंगाल आवश्यक वस्तु आपूर्ति निगम लिमिटेड के साथ-साथ मुख्य निरीक्षक, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उप-निरीक्षक की मुहरें भी शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा मंगलवार को ईडी की हिरासत के पहले दिन, पूछताछ के दौरान मंत्री काफी असहयोग मोड में थे, क्योंकि उन्होंने किसी भी जानकारी से इनकार करने या याद न कर पाने के बहाने सभी सवालों से बचने की कोशिश की।
सूत्रों ने बताया कि उनसे 2017 और 2019 के बीच राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कामकाज के बारे में विशेष रूप से पूछताछ की गई, माना जाता है कि यह वह अवधि थी, जब राशन वितरण से संबंधित अनियमितताएं चरम पर थीं।
मल्लिक 2011 और 2021 तक राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे।2021 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद उनका पोर्टफोलियो बदल दिया गया और उन्हें राज्य का वन मंत्री बनाया गया।
–आईएएनएस
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