नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस) ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को उभारने के लिए पारंपरिक और नए सेक्टर दोनों में निवेश करने की आवश्यकता है। यह बात विशेषज्ञों ने कही।
विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कुल आबादी के 68 प्रतिशत लोग काम करते हैं। वहीं, इसका योगदान देश की जीडीपी में आधे से भी कम है।
ईवाई इंडिया में जीपीएस-कृषि, आजीविका, सामाजिक और कौशल का नेतृत्व कर रहे, अमित वात्स्यायन ने कहा कि ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर कृषि और गैर- कृषि क्षेत्रों में निवेश करने से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए टेक्नोलॉजी काफी महत्वपूर्ण है।
विशेषज्ञ ने कहा, भारत की 60 प्रतिशत ग्रामीण अर्थव्यवस्था छह प्रदेशों उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में है। ग्रामीण निवेश की रणनीति बनाते समय चुनौतियां का समाधान करने के लिए स्थानीय एप्रोच अपनाने की जरूरत है।
भारत में महिला उद्यमी आर्थिक वृद्धि और रोजगार के अवसर पैदा करने में अधिक सक्षम हैं।
महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) ने काफी अच्छी वृद्धि दिखाई है। पुरुषों के स्वामित्व वाले (एमएसएमई) के मुकाबले महिलाओें के नेतृत्व वाले एमएसएमई ने 11 प्रतिशत अधिक महिला कर्मचारियों को नौकरी पर रखा है। नए रोजगार में से एक-तिहाई अवसर पैदा किए हैं।
वहीं, आय में मासिक आधार पर 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और शुद्ध आय 19 प्रतिशत बढ़ा है।
वात्स्यायन ने कहा कि भारत में महिला उद्यमियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने को एक अच्छा इकोसिस्टम बनाना होगा और उन्हें वित्त, मार्केट, कौशल, नेटवर्क और मॉनिटरिंग जैसी सुविधाएं देनी होंगी।
–आईएएनएस
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