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बर्थ डे स्पेशल: अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति, दो बार संभाली देश की कमान, आसान नहीं रही राह

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August 4, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। 30, अप्रैल, 1789 ये वो तारीख है, जब अमेरिका को अपना पहला राष्ट्रपति मिला था। लेकिन, अमेरिका के राजीनितिक इतिहास में पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनने का गौरव बराक ओबामा को
करीब ढाई सौ साल बाद हासिल हुआ। ओबामा आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का जीवन जितना प्रेरणादायी है। उतना ही संघर्षों और चुनौतियों से भरा भी। वह जब छोटे थे तो उन्होंने अपने माता-पिता को अलग होते हुए देखा। हालांकि, अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आतंकवाद पर अंकुश लगाया तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान दिया। यही नहीं एलजीबीटी समुदाय के हितों के लिए भी काफी प्रयास किए।

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का जन्म 4 अगस्त, 1961 को अफ्रीकी-अमेरिकी परिवार में हुआ। उनकी मां अमेरिका के कंसास से थीं और उनके पिता केन्या से थे। बराक ओबामा बहुत छोटे थे, जब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। ओबामा की परवरिश उनकी मां और नानी ने ही की।संघर्ष की पथरीली डगर पर चलते हुए 20 जनवरी, 2009 को अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

बराक ओबामा ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाला तो उस दौरान अमेरिका आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। एक-चौथाई से अधिक लोग बेरोजगार थे और वह भोजन और काम की तलाश में देश भर में यात्रा कर रहे थे। ओबामा ने अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए काम किया और नौकरियों की संख्या में इजाफा किया।

अमेरिका में अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहा। लेकिन, ओबामा के सामने दूसरे देशों की चुनौतियां थी। अमेरिका मध्य-पूर्वी देशों अफगानिस्तान और इराक में दो युद्ध लड़ रहा था। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी में हुए आतंकवादी हमलों के बाद अफगानिस्तान में सेना भेजी थी। अमेरिकी सेना का मकसद अल कायदा के आतंकवादी नेता ओसामा बिन लादेन को पकड़ना था। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश काफी नुकसान झेल रहा था। दबाव बहुत ज्यादा था लेकिन ओबामा के कुशल नेतृत्व में खूंखार आतंकी के अंत की पटकथा लिख दी गई।

1 मई, 2011 को नेवी सील्स के एक ग्रुप ने राष्ट्रपति ओबामा के आदेश के बाद पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपे ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। 2011 के अंत तक ओबामा ने इराक से सभी सैनिकों को वापस बुला लिया। उनकी लोकप्रियता चरम पर थी। विरोधियों को मौका बहुत कम मिला और अमेरिका ने दोबारा उन्हें अपना राष्ट्रपति चुना। 2017 में एक बार फिर उन्होंने कमान संभाली। ऐतिहासिक था वो भी। ओबामा देश के पहले अमेरिकन-अफ्रीकी थे, जो इस सर्वोच्च पद पर दो बार आसीन हुए।

ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान शांति बनाए रखने के लिए अन्य देशों से संपर्क साधा। ओबामा ने कई देशों के साथ तनाव करने के लिए कदम उठाए। वह जापान के हिरोशिमा भी गए, जहां अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में परमाणु बम गिराया था। उस घटना के बाद से वह शहर का दौरा करने वाले पहले राष्ट्रपति थे। अपने शांति प्रयासों के लिए 2009 में वह नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले चौथे राष्ट्रपति बने।

ओबामा भारत भी आए थे। एक बार नहीं बल्कि दो बार। 2010 और 2015 में। 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

–आईएएनएस

एफएम/केआर

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नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। 30, अप्रैल, 1789 ये वो तारीख है, जब अमेरिका को अपना पहला राष्ट्रपति मिला था। लेकिन, अमेरिका के राजीनितिक इतिहास में पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनने का गौरव बराक ओबामा को
करीब ढाई सौ साल बाद हासिल हुआ। ओबामा आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का जीवन जितना प्रेरणादायी है। उतना ही संघर्षों और चुनौतियों से भरा भी। वह जब छोटे थे तो उन्होंने अपने माता-पिता को अलग होते हुए देखा। हालांकि, अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आतंकवाद पर अंकुश लगाया तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान दिया। यही नहीं एलजीबीटी समुदाय के हितों के लिए भी काफी प्रयास किए।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का जन्म 4 अगस्त, 1961 को अफ्रीकी-अमेरिकी परिवार में हुआ। उनकी मां अमेरिका के कंसास से थीं और उनके पिता केन्या से थे। बराक ओबामा बहुत छोटे थे, जब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। ओबामा की परवरिश उनकी मां और नानी ने ही की।संघर्ष की पथरीली डगर पर चलते हुए 20 जनवरी, 2009 को अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

बराक ओबामा ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाला तो उस दौरान अमेरिका आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। एक-चौथाई से अधिक लोग बेरोजगार थे और वह भोजन और काम की तलाश में देश भर में यात्रा कर रहे थे। ओबामा ने अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए काम किया और नौकरियों की संख्या में इजाफा किया।

अमेरिका में अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहा। लेकिन, ओबामा के सामने दूसरे देशों की चुनौतियां थी। अमेरिका मध्य-पूर्वी देशों अफगानिस्तान और इराक में दो युद्ध लड़ रहा था। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी में हुए आतंकवादी हमलों के बाद अफगानिस्तान में सेना भेजी थी। अमेरिकी सेना का मकसद अल कायदा के आतंकवादी नेता ओसामा बिन लादेन को पकड़ना था। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश काफी नुकसान झेल रहा था। दबाव बहुत ज्यादा था लेकिन ओबामा के कुशल नेतृत्व में खूंखार आतंकी के अंत की पटकथा लिख दी गई।

1 मई, 2011 को नेवी सील्स के एक ग्रुप ने राष्ट्रपति ओबामा के आदेश के बाद पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपे ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। 2011 के अंत तक ओबामा ने इराक से सभी सैनिकों को वापस बुला लिया। उनकी लोकप्रियता चरम पर थी। विरोधियों को मौका बहुत कम मिला और अमेरिका ने दोबारा उन्हें अपना राष्ट्रपति चुना। 2017 में एक बार फिर उन्होंने कमान संभाली। ऐतिहासिक था वो भी। ओबामा देश के पहले अमेरिकन-अफ्रीकी थे, जो इस सर्वोच्च पद पर दो बार आसीन हुए।

ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान शांति बनाए रखने के लिए अन्य देशों से संपर्क साधा। ओबामा ने कई देशों के साथ तनाव करने के लिए कदम उठाए। वह जापान के हिरोशिमा भी गए, जहां अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में परमाणु बम गिराया था। उस घटना के बाद से वह शहर का दौरा करने वाले पहले राष्ट्रपति थे। अपने शांति प्रयासों के लिए 2009 में वह नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले चौथे राष्ट्रपति बने।

ओबामा भारत भी आए थे। एक बार नहीं बल्कि दो बार। 2010 और 2015 में। 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

–आईएएनएस

एफएम/केआर

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नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। 30, अप्रैल, 1789 ये वो तारीख है, जब अमेरिका को अपना पहला राष्ट्रपति मिला था। लेकिन, अमेरिका के राजीनितिक इतिहास में पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनने का गौरव बराक ओबामा को
करीब ढाई सौ साल बाद हासिल हुआ। ओबामा आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का जीवन जितना प्रेरणादायी है। उतना ही संघर्षों और चुनौतियों से भरा भी। वह जब छोटे थे तो उन्होंने अपने माता-पिता को अलग होते हुए देखा। हालांकि, अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आतंकवाद पर अंकुश लगाया तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान दिया। यही नहीं एलजीबीटी समुदाय के हितों के लिए भी काफी प्रयास किए।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का जन्म 4 अगस्त, 1961 को अफ्रीकी-अमेरिकी परिवार में हुआ। उनकी मां अमेरिका के कंसास से थीं और उनके पिता केन्या से थे। बराक ओबामा बहुत छोटे थे, जब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। ओबामा की परवरिश उनकी मां और नानी ने ही की।संघर्ष की पथरीली डगर पर चलते हुए 20 जनवरी, 2009 को अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

बराक ओबामा ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाला तो उस दौरान अमेरिका आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। एक-चौथाई से अधिक लोग बेरोजगार थे और वह भोजन और काम की तलाश में देश भर में यात्रा कर रहे थे। ओबामा ने अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए काम किया और नौकरियों की संख्या में इजाफा किया।

अमेरिका में अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहा। लेकिन, ओबामा के सामने दूसरे देशों की चुनौतियां थी। अमेरिका मध्य-पूर्वी देशों अफगानिस्तान और इराक में दो युद्ध लड़ रहा था। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी में हुए आतंकवादी हमलों के बाद अफगानिस्तान में सेना भेजी थी। अमेरिकी सेना का मकसद अल कायदा के आतंकवादी नेता ओसामा बिन लादेन को पकड़ना था। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश काफी नुकसान झेल रहा था। दबाव बहुत ज्यादा था लेकिन ओबामा के कुशल नेतृत्व में खूंखार आतंकी के अंत की पटकथा लिख दी गई।

1 मई, 2011 को नेवी सील्स के एक ग्रुप ने राष्ट्रपति ओबामा के आदेश के बाद पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपे ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। 2011 के अंत तक ओबामा ने इराक से सभी सैनिकों को वापस बुला लिया। उनकी लोकप्रियता चरम पर थी। विरोधियों को मौका बहुत कम मिला और अमेरिका ने दोबारा उन्हें अपना राष्ट्रपति चुना। 2017 में एक बार फिर उन्होंने कमान संभाली। ऐतिहासिक था वो भी। ओबामा देश के पहले अमेरिकन-अफ्रीकी थे, जो इस सर्वोच्च पद पर दो बार आसीन हुए।

ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान शांति बनाए रखने के लिए अन्य देशों से संपर्क साधा। ओबामा ने कई देशों के साथ तनाव करने के लिए कदम उठाए। वह जापान के हिरोशिमा भी गए, जहां अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में परमाणु बम गिराया था। उस घटना के बाद से वह शहर का दौरा करने वाले पहले राष्ट्रपति थे। अपने शांति प्रयासों के लिए 2009 में वह नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले चौथे राष्ट्रपति बने।

ओबामा भारत भी आए थे। एक बार नहीं बल्कि दो बार। 2010 और 2015 में। 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

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करीब ढाई सौ साल बाद हासिल हुआ। ओबामा आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का जीवन जितना प्रेरणादायी है। उतना ही संघर्षों और चुनौतियों से भरा भी। वह जब छोटे थे तो उन्होंने अपने माता-पिता को अलग होते हुए देखा। हालांकि, अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आतंकवाद पर अंकुश लगाया तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान दिया। यही नहीं एलजीबीटी समुदाय के हितों के लिए भी काफी प्रयास किए।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का जन्म 4 अगस्त, 1961 को अफ्रीकी-अमेरिकी परिवार में हुआ। उनकी मां अमेरिका के कंसास से थीं और उनके पिता केन्या से थे। बराक ओबामा बहुत छोटे थे, जब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। ओबामा की परवरिश उनकी मां और नानी ने ही की।संघर्ष की पथरीली डगर पर चलते हुए 20 जनवरी, 2009 को अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

बराक ओबामा ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाला तो उस दौरान अमेरिका आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। एक-चौथाई से अधिक लोग बेरोजगार थे और वह भोजन और काम की तलाश में देश भर में यात्रा कर रहे थे। ओबामा ने अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए काम किया और नौकरियों की संख्या में इजाफा किया।

अमेरिका में अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहा। लेकिन, ओबामा के सामने दूसरे देशों की चुनौतियां थी। अमेरिका मध्य-पूर्वी देशों अफगानिस्तान और इराक में दो युद्ध लड़ रहा था। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी में हुए आतंकवादी हमलों के बाद अफगानिस्तान में सेना भेजी थी। अमेरिकी सेना का मकसद अल कायदा के आतंकवादी नेता ओसामा बिन लादेन को पकड़ना था। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश काफी नुकसान झेल रहा था। दबाव बहुत ज्यादा था लेकिन ओबामा के कुशल नेतृत्व में खूंखार आतंकी के अंत की पटकथा लिख दी गई।

1 मई, 2011 को नेवी सील्स के एक ग्रुप ने राष्ट्रपति ओबामा के आदेश के बाद पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपे ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। 2011 के अंत तक ओबामा ने इराक से सभी सैनिकों को वापस बुला लिया। उनकी लोकप्रियता चरम पर थी। विरोधियों को मौका बहुत कम मिला और अमेरिका ने दोबारा उन्हें अपना राष्ट्रपति चुना। 2017 में एक बार फिर उन्होंने कमान संभाली। ऐतिहासिक था वो भी। ओबामा देश के पहले अमेरिकन-अफ्रीकी थे, जो इस सर्वोच्च पद पर दो बार आसीन हुए।

ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान शांति बनाए रखने के लिए अन्य देशों से संपर्क साधा। ओबामा ने कई देशों के साथ तनाव करने के लिए कदम उठाए। वह जापान के हिरोशिमा भी गए, जहां अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में परमाणु बम गिराया था। उस घटना के बाद से वह शहर का दौरा करने वाले पहले राष्ट्रपति थे। अपने शांति प्रयासों के लिए 2009 में वह नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले चौथे राष्ट्रपति बने।

ओबामा भारत भी आए थे। एक बार नहीं बल्कि दो बार। 2010 और 2015 में। 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

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