वाशिंगटन, 22 जून (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया और दोनों देशों को दो महान राष्ट्र बताते हुए दो महान मित्र और दो महान शक्तियों के रूप में मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे समय में, जब वैश्विक व्यवस्था एक नया आकार ले रही है, दोनों देशों के बीच संबंध पूरी दुनिया की ताकत बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में 19 तोपों की सलामी के साथ एक औपचारिक स्वागत किया। वहां अनुमानित 7,000 भारतीय-अमेरिकियों की मौजूदगी थी, जिन्होंने कई बार मोदी, मोदी और कभी-कभी यूएसए, यूएसए के नारे लगाए।
दोनों नेताओं ने अपनी द्विपक्षीय बैठक शुरू होने से पहले सहयोग और लोकतांत्रिक मूल्यों के उसी विषय पर फिर से बात की।
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, उनके पति और द्वितीय सज्जन डगलस एम्हॉफ, राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गासेर्टी अमेरिकी अधिकारी थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
भारत की ओर से उपस्थित लोगों में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल थे।
इस स्वागत समारोह से अमेरिकी राजधानी में स्पष्ट रूप से भारत दिवस की शुरुआत हुई। बाइडेन और मोदी अपने संबंधित प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठकों के लिए रिसेप्शन से चले गए, जिसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन होगा, जहां दोनों नेता टिप्पणियां देंगे और सवालों के जवाब देंगे।
दोपहर बाद प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। उनका पहला संबोधन 2016 में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों कांग्रेस नेताओं के निमंत्रण पर था।
शाम को मोदी और उनके प्रतिनिधिमंडल की बाइडेन और प्रथम महिला द्वारा राजकीय रात्रिभोज में मेजबानी की जाएगी, जो 15 वर्षो में किसी भारतीय नेता के लिए पहली बार होगा। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रथम महिला मिशेल ओबामा द्वारा राजकीय रात्रिभोज में मेहमान बने थे।
व्हाइट हाउस के रिसेप्शन में बाइडेन ने क्वाड के हिस्से के रूप में भारत और अमेरिका के बीच चल रहे सहयोग, जिसे उन्होंने जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ बनाया है, इंडो-पैसिफिक के लिए इसके महत्व और स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर एक साथ काम करने के बारे में बात की।
बाइडेन ने लोकतंत्र की चुनौतियों पर अमेरिका की चिंता को दर्शाते हुए कहा, लोकतंत्र के रूप में हम अपने सभी लोगों की प्रतिभा का उपयोग कर सकते हैं।
मोदी ने दोनों देशों के लिए लोकतंत्र को केंद्रीय मूल्य प्रणाली होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों की संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं, दोनों देशों के संविधान निम्नलिखित तीन शब्दों से शुरू होते हैं – हम लोग और दोनों देश विविधता पर गर्व करते हैं और हम दोनों सभी के हित में मौलिक सिद्धांत में विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा, इस समय विश्व व्यवस्था एक नया आकार ले रही है। भारत और अमेरिका की दोस्ती पूरी दुनिया की ताकत को बढ़ाने में सहायक होगी।
–आईएएनएस
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