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Home ताज़ा समाचार

बिहार के मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा में गूंजे छठ के गीत, 126 बंदी कर रहे हैं महापर्व छठ

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November 18, 2023
in ताज़ा समाचार
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मुजफ्फरपुर, 18 नवंबर (आईएएनएस)। पूरे बिहार में चार दिवसीय अनुष्ठान का महापर्व छठ की छटा बिखरी है। गांव से लेकर कस्बों, शहरों, गलियों, सड़कों तक में छठ के मधुर गीत गूंज रहे हैं। बिहार के जेलों में भी कैदी छठ पर्व में भगवान भास्कर की आराधना में जुटे हैं।

मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

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जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/एबीएम

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मुजफ्फरपुर, 18 नवंबर (आईएएनएस)। पूरे बिहार में चार दिवसीय अनुष्ठान का महापर्व छठ की छटा बिखरी है। गांव से लेकर कस्बों, शहरों, गलियों, सड़कों तक में छठ के मधुर गीत गूंज रहे हैं। बिहार के जेलों में भी कैदी छठ पर्व में भगवान भास्कर की आराधना में जुटे हैं।

मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/एबीएम

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मुजफ्फरपुर, 18 नवंबर (आईएएनएस)। पूरे बिहार में चार दिवसीय अनुष्ठान का महापर्व छठ की छटा बिखरी है। गांव से लेकर कस्बों, शहरों, गलियों, सड़कों तक में छठ के मधुर गीत गूंज रहे हैं। बिहार के जेलों में भी कैदी छठ पर्व में भगवान भास्कर की आराधना में जुटे हैं।

मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

–आईएएनएस

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मुजफ्फरपुर, 18 नवंबर (आईएएनएस)। पूरे बिहार में चार दिवसीय अनुष्ठान का महापर्व छठ की छटा बिखरी है। गांव से लेकर कस्बों, शहरों, गलियों, सड़कों तक में छठ के मधुर गीत गूंज रहे हैं। बिहार के जेलों में भी कैदी छठ पर्व में भगवान भास्कर की आराधना में जुटे हैं।

मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

–आईएएनएस

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मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

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मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

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मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

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मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

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मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

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मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

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मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

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मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं, जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं।

जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

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जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं।

जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं।

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