पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एफजेड
ADVERTISEMENT
पटना, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल जोरशोर से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में बिहार में भाजपा को इस चुनाव में जंगलराज की याद से बड़ी उम्मीद है। भाजपा जंगलराज के जरिए राजद के उस शासनकाल का लोगों को याद कराना चाहती है, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जाते थे।
उस दौर में कई नरसंहार की घटनाएं भी सामने आई थी। भाजपा अब इसी के सहारे युवाओं को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों और पन्ना प्रमुखों से सीधे संवाद के दौरान भी युवा मतदाताओं को जंगलराज में प्रदेश की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर लोगों को बुलाने, जिसमें बुजुर्ग लोगों को बुलाकर 90 के दशक के अनुभवों को सभी युवाओं को बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष पूर्व तक तो बिहार में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में स्थितियां बदली हैं।
पीएम मोदी की इस सलाह को एनडीए अब जमीन पर उतारने की तैयारी में है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देते हुए बताया कि लालू यादव और नीतीश राज में क्या अंतर है। उस काल में 118 नरसंहार के बिहार में दिन में लोग बाहर निकलने में भयभीत रहते थे।
नीरज कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछला इतिहास जानने का हक है। यही टिप्स चुनाव का मूलमंत्र है। बिहार का कोई भी हितैषी क्यों चाहेगा कि वह दौर बिहार में फिर लौटे?
भाजपा भी मानती है कि इस मुद्दे को लेकर हमलोग बूथ स्तर तक जाएंगे। भाजपा प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा है कि राजद के कार्यकाल में अपराधियों का बेलगाम होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में जंगलराज की याद कराना गलत नहीं है। उस दौर में जिसने भी बिहार को देखा है, वह आज याद कर सिहर उठता है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लोगों को डर दिखाकर भाजपा सत्ता में आना चाहती है। हम विकास की बात कर रहे हैं। राजद जब सरकार में आई तो लाखों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई। आज केंद्र सरकार कितने लोगों को रोजगार दे सकी।