गया, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार का गया जिला अवैध अफीम की खेती के लिए तस्करों का मनपसंद क्षेत्र बना हुआ है। पुलिस इसके विनिष्टीकरण के लिए अभियान चलाती रहती है। पिछले 10 दिनों में पुलिस ने जिले में 150 एकड़ से अधिक क्षेत्रों में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया।
बताया जाता है कि तस्करों ने बड़े क्षेत्र में अफीम की खेती के लिए भूमि तैयार कर रखी है। इसी सूचना के आधार पर वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के निर्देश पर अफीम विनष्टीकरण के लिए अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में ट्रैक्टर सहित जेसीबी और आधुनिक ड्रोन कैमरा तक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बताया जाता है कि 90 दशक में क्षेत्र में अफीम की खेती की शुरूआत हुई थी। इसकी खेती नक्सलियों के लिए बड़ा आर्थिक स्रोत रहा है। आज इसकी खेती इमामगंज, डुमरिया, बांके बाजार थाना क्षेत्र के कई इलाकों में बड़े स्तर पर होती है। हाल के दिनों में गया में अफीम की खेती के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया है।
ऑपरेशन क्लीन के तहत गया पुलिस, सुरक्षा बल, उत्पाद विभाग, वन विभाग, नारकोटिक्स की संयुक्त टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले 10 दिनों में ऑपरेशन क्लीन के तहत तकरीबन 152 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस साल भी बड़े पैमाने पर खेती शुरू होने की सूचना मिल रही है। अक्टूबर का महीना चढ़ते ही अफीम की खेती के लिए ज़मीन तैयार करनी शुरू कर दी गई थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में ड्रोन की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके बाद खेती नष्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
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गया, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार का गया जिला अवैध अफीम की खेती के लिए तस्करों का मनपसंद क्षेत्र बना हुआ है। पुलिस इसके विनिष्टीकरण के लिए अभियान चलाती रहती है। पिछले 10 दिनों में पुलिस ने जिले में 150 एकड़ से अधिक क्षेत्रों में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया।
बताया जाता है कि तस्करों ने बड़े क्षेत्र में अफीम की खेती के लिए भूमि तैयार कर रखी है। इसी सूचना के आधार पर वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के निर्देश पर अफीम विनष्टीकरण के लिए अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में ट्रैक्टर सहित जेसीबी और आधुनिक ड्रोन कैमरा तक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बताया जाता है कि 90 दशक में क्षेत्र में अफीम की खेती की शुरूआत हुई थी। इसकी खेती नक्सलियों के लिए बड़ा आर्थिक स्रोत रहा है। आज इसकी खेती इमामगंज, डुमरिया, बांके बाजार थाना क्षेत्र के कई इलाकों में बड़े स्तर पर होती है। हाल के दिनों में गया में अफीम की खेती के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया है।
ऑपरेशन क्लीन के तहत गया पुलिस, सुरक्षा बल, उत्पाद विभाग, वन विभाग, नारकोटिक्स की संयुक्त टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले 10 दिनों में ऑपरेशन क्लीन के तहत तकरीबन 152 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस साल भी बड़े पैमाने पर खेती शुरू होने की सूचना मिल रही है। अक्टूबर का महीना चढ़ते ही अफीम की खेती के लिए ज़मीन तैयार करनी शुरू कर दी गई थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में ड्रोन की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके बाद खेती नष्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।
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गया, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार का गया जिला अवैध अफीम की खेती के लिए तस्करों का मनपसंद क्षेत्र बना हुआ है। पुलिस इसके विनिष्टीकरण के लिए अभियान चलाती रहती है। पिछले 10 दिनों में पुलिस ने जिले में 150 एकड़ से अधिक क्षेत्रों में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया।
बताया जाता है कि तस्करों ने बड़े क्षेत्र में अफीम की खेती के लिए भूमि तैयार कर रखी है। इसी सूचना के आधार पर वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के निर्देश पर अफीम विनष्टीकरण के लिए अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में ट्रैक्टर सहित जेसीबी और आधुनिक ड्रोन कैमरा तक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बताया जाता है कि 90 दशक में क्षेत्र में अफीम की खेती की शुरूआत हुई थी। इसकी खेती नक्सलियों के लिए बड़ा आर्थिक स्रोत रहा है। आज इसकी खेती इमामगंज, डुमरिया, बांके बाजार थाना क्षेत्र के कई इलाकों में बड़े स्तर पर होती है। हाल के दिनों में गया में अफीम की खेती के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया है।
ऑपरेशन क्लीन के तहत गया पुलिस, सुरक्षा बल, उत्पाद विभाग, वन विभाग, नारकोटिक्स की संयुक्त टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले 10 दिनों में ऑपरेशन क्लीन के तहत तकरीबन 152 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस साल भी बड़े पैमाने पर खेती शुरू होने की सूचना मिल रही है। अक्टूबर का महीना चढ़ते ही अफीम की खेती के लिए ज़मीन तैयार करनी शुरू कर दी गई थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में ड्रोन की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके बाद खेती नष्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।
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बताया जाता है कि तस्करों ने बड़े क्षेत्र में अफीम की खेती के लिए भूमि तैयार कर रखी है। इसी सूचना के आधार पर वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के निर्देश पर अफीम विनष्टीकरण के लिए अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में ट्रैक्टर सहित जेसीबी और आधुनिक ड्रोन कैमरा तक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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गया, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार का गया जिला अवैध अफीम की खेती के लिए तस्करों का मनपसंद क्षेत्र बना हुआ है। पुलिस इसके विनिष्टीकरण के लिए अभियान चलाती रहती है। पिछले 10 दिनों में पुलिस ने जिले में 150 एकड़ से अधिक क्षेत्रों में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया।
बताया जाता है कि तस्करों ने बड़े क्षेत्र में अफीम की खेती के लिए भूमि तैयार कर रखी है। इसी सूचना के आधार पर वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के निर्देश पर अफीम विनष्टीकरण के लिए अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में ट्रैक्टर सहित जेसीबी और आधुनिक ड्रोन कैमरा तक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बताया जाता है कि 90 दशक में क्षेत्र में अफीम की खेती की शुरूआत हुई थी। इसकी खेती नक्सलियों के लिए बड़ा आर्थिक स्रोत रहा है। आज इसकी खेती इमामगंज, डुमरिया, बांके बाजार थाना क्षेत्र के कई इलाकों में बड़े स्तर पर होती है। हाल के दिनों में गया में अफीम की खेती के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया है।
ऑपरेशन क्लीन के तहत गया पुलिस, सुरक्षा बल, उत्पाद विभाग, वन विभाग, नारकोटिक्स की संयुक्त टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले 10 दिनों में ऑपरेशन क्लीन के तहत तकरीबन 152 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस साल भी बड़े पैमाने पर खेती शुरू होने की सूचना मिल रही है। अक्टूबर का महीना चढ़ते ही अफीम की खेती के लिए ज़मीन तैयार करनी शुरू कर दी गई थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में ड्रोन की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके बाद खेती नष्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।