भुवनेश्वर, 6 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल का वितरण जारी रखने का आग्रह किया।
बीजद ने यह मांग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत एक साल के लिए केंद्र द्वारा सभी लाभार्थियों को मुफ्त चावल के वितरण के मद्देनजर उठाई है।
बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए कहा कि, ओडिशा के 3.25 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो चावल (एनएफएसए के तहत 5 किलो और पीएमजीकेएवाई के तहत 5 किलो) प्रदान किया जा रहा है। हालांकि, केंद्र ने अब पीएमजीकेएवाई पर रोक लगा दी है। केंद्र द्वारा पीएमजीकेएवाई के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो मुफ्त चावल बंद करने से गरीबों और किसानों पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत घरों और परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
पात्रा ने पूछा- कोविड-19 महामारी और सारी बचत समाप्त हो जाने के बाद, गरीबों को लंबे समय तक पीएमजीकेएवाई सहायता की आवश्यकता है। इसे रोकने से उन पर और उनके परिवारों पर भारी बोझ पड़ेगा। केंद्र गरीबों की खाद्य सुरक्षा में कमी क्यों कर रहा है?। बीजेडी नेता ने कहा, केंद्र द्वारा पीएमजीकेएवाई को रोके जाने से अब ओडिशा के किसानों के सामने गंभीर चुनौती है। चावल की और अधिक खरीद नहीं, किसानों के लिए और अधिक एमएसपी नहीं।
आगे उन्होंने कहा, ओडिशा के कई पात्र परिवार वंचित हैं और उन्हें कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए लेकिन केंद्र ने इतने सालों बाद भी उन पर विचार नहीं किया है। पात्रा ने जोर देकर कहा कि बीजद ओडिशा के लाखों परिवारों को वंचित करने और उनके मासिक चावल आवंटन को आधा करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के इस गरीब विरोधी, किसान विरोधी और परिवार विरोधी रवैये की कड़ी निंदा करती है और मांग करते हैं कि व्यक्तिगत परिवारों और उनके कल्याण के हित में पीएमजीकेएवाई को जारी रखा जाना चाहिए।
उन्होंने मांग की कि इस महीने से पीएमजीकेएवाई को तुरंत फिर से शुरू किया जाना चाहिए क्योंकि इसके बंद होने से न केवल ओडिशा बल्कि पूरे भारत में करोड़ों गरीब लोगों की खाद्य सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, खासकर कोविड के बाद। बीजद संसद के साथ-साथ अन्य मंचों पर पीएमजीकेएवाई को फिर से शुरू करने की पुरजोर मांग करता रहेगा, जब तक कि केंद्र इस मांग पर जोर देने को राजी नहीं हो जाता।
इस पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी प्रवक्ता गोलक महापात्र ने कहा, आखिरकार बीजेडी ने स्वीकार किया है कि मोदी सरकार गरीबों को मुफ्त चावल मुहैया करा रही है, बीजेडी सरकार नहीं। अब राज्य गरीबों को चावल वितरण में एक पाई का भुगतान नहीं करेगा।
विशेष रूप से, बीजद सरकार ने 2009 में विधानसभा और आम चुनावों से पहले सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत 2 रुपये प्रति किलोग्राम चावल योजना शुरू की थी। नवीन पटनायक सरकार ने 2013 में एक रुपये की चावल योजना शुरू की थी। इस योजना को अब तक बीजेडी सरकार के लिए गेम चेंजर स्कीम माना जाता रहा है। इस योजना के माध्यम से बीजद ओडिशा के सभी गरीब लोगों के दिल तक पहुंची है। अब इस योजना को लेकर दोनों पार्टियों में आमना-सामना हो गया है क्योंकि आगामी चुनावों में इसका गहरा असर हो सकता है।
–आईएएनएस
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