सतना, देशबन्धु. शहर का सबसे पुराना ओव्हर ब्रिज जर्जर हालत में तो हो ही गया है, साथ ही यह रोजमर्रा जाम और हादसों का सबब बन गया है. कोई ऐसा दिन नहीं हैं कि इस ओव्हर ब्रिज के ऊपर जाम न लगता हो और वाहनों की इस छोर से लेकर उस छोर तक लम्बी लम्बी कतारे न लग जाती हो, एक बारगी तो देखकर यह लगता है कि कई पुल धंस न जाय, तो फिर मंजर कितना भयावह होगा.
आज अपरान्ह तीन बजे करीब बीच पुल में भारत पेट्रृालियम का ट्रृक क्रमांक एमपी ३७ जीए १६६९ खराब हो गया, देखते देखते सर्किट हाउस चौक से लेकर पूरे ओव्हरब्रिज में वाहनों की लम्बी कतारें लग गई. बड़े वाहन कछुआ गति से चल रहे थे वहीं दो पहिया वाहन चालक जहां से मन पड़े वहीं से निकाल रहें थे. कुछ तो दो पहिया वाहन चालक फुट पटरी पर गाड़ी चढ़ाकर फर्राटा मारकर जा रहे थे.
मानों ऐसा लग रहा था कि कहीं रेलिंग से न टकरा जाय, जबकि बिगड़े ट्रृक के पास पुलिस भी खड़ी थी और एक ट्रृाफिक पुलिस वाहनों को जाने का इशारा कर रही थी. आधा घण्टे से ऊपर लगे जाम में कई सैकड़ा छोटे बड़े वाहन फंसे रहे और धीमी गति से चल रहे थें. यह तो है जाम का हाल जो इस पुल की दिनचर्या बन गयी है, मगर सबसे बड़ी बात यह है जो जान लेवा है. बूढ़ा हो चुका यह ओव्हरब्रिज हादसो का भी सबब बन गया है. आये दिन इस पुल के आर पार और ऊपर नीचे वाहनों की टक्कर हो रही है और लोगो की जानें जा रही हैं. शाम ढलने के बाद तो मंजर और खतरनाक हो जाता है.
चार पहिया वाहन चालक तेज रफतार में गाड़ी तो चलाते ही हैं इनके अलावा दो पहिया वाहन चालक भी तेज रफतार में फर्राटा मारकर गाड़ी चलाते है और एक्सीडेन्ट कर देते है. कल रात साढ़े नौ बजे करीब ऐसा ही भीषण सड़क हादसा इसी बूढ़े ओव्हरब्रिज के नीचे सिविल लाईन की ओर हो गया और धीमी गति से गाड़ी चलाने वाले की जान पर आ पड़ी.
कहने का तात्पर्य यह है कि रात होतें ही इस ओव्हरब्रिज में वाहन फर्राटा मारकर दौड़ते है और कब किससे कौन भिड़ जाय कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि रात में इस बूढ़े ओव्हरब्रिज में नशे व स्टंटबाज वाहन चालक तेज रफतार में चलते और एक्सीडेन्ट कर देते है, इसलिए सावधान रहिए और हो सके तो रात में इस बूढ़े ओव्हरब्रिज से न निकले, अगर निकले तो बड़ी सावधानी से फिर चाहे पांच दस मिनट लेट ही क्यों न हो जाय. सावधानी भली तो दुघर्टना टली.