गुवाहाटी, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (एसएआई)-20 एंगेजमेंट ग्रुप की पहली वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक सोमवार को यहां भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) गिरीश चंद्र मुर्मू के साथ शुरू हुई। उन्होंने एसएआई20 एंगेजमेंट ग्रुप के अध्यक्ष के रूप में विचार-विमर्श का नेतृत्व किया।
अपने उद्घाटन भाषण में मुर्मू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एसएआई20 बैठक समावेशी विकास और सभी की भलाई सुनिश्चित करने के लिए सदस्य जी20 देशों के सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों के वैश्विक सहयोग और सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है।
स्थिरता, विकास और उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका के महत्व को पहचानते हुए मुर्मू ने बताया कि एसएआई20, प्राथमिकता वाले क्षेत्र – ब्लू इकोनॉमी और रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नए युग के अवसरों और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और ये वास्तविक सहयोग की जरूरत को रेखांकित करते हैं।
उनके अनुसार, नीली अर्थव्यवस्था पृथ्वी और उस पर जीविका के लिए सभी अंतर ला सकती है।
उन्होंने कहा, ब्लू इकोनॉमी एक आर्थिक प्रणाली है, जिसमें समुद्री और मीठे पानी के पर्यावरण के संरक्षण, उनके सतत उपयोग को बढ़ावा देने, भोजन और ऊर्जा का उत्पादन करने, आजीविका का समर्थन करने और आर्थिक उन्नति और कल्याण के लिए चालक के रूप में कार्य करने के उद्देश्य से नीति और परिचालन आयामों का एक स्पेक्ट्रम शामिल है।
रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बारे में बोलते हुए सीएजी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एआई प्रौद्योगिकियों का लोकतंत्रीकरण अपरिहार्य है और लक्षित और समय पर हस्तक्षेप के माध्यम से एआई का उपयोग नागरिकों और देश को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एआई में स्वास्थ्य सेवा, खुदरा, वित्त, कृषि, भोजन, जल संसाधन, पर्यावरण और प्रदूषण, शिक्षा, विशेष आवश्यकताएं, परिवहन, ऊर्जा, सार्वजनिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, न्यायपालिका आदि जैसे क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को हल करने की क्षमता है।
मुर्मू ने कहा कि दुनिया कई चुनौतियों से घिरी हुई है और सबसे कठिन हैं सतत विकास और जलवायु परिवर्तन।
बैठक में जी20 सदस्य देशों के 39 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी देखी गई, अतिथि देशों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी एसएआई20 कार्यक्रम में भाग लिया।
–आईएएनएस
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