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Home ताज़ा समाचार

भाजपा विधायक ने मणिपुर से 60 हजार केंद्रीय बलों को हटाने की गृह मंत्री अमित शाह से की मांग

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September 2, 2024
in ताज़ा समाचार
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इंफाल, 2 सितंबर (आईएएनएस)। इंफाल पश्चिम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से राज्य से 60,000 केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।

राजकुमार सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी “शांति स्थापित नहीं कर रही है, इसलिए बेहतर है कि इन्‍हें हटा दिया जाए। इनकी यहां कोई उपयोग‍िता नहीं है। ये मूकदर्शक बने यहां मौजूद हैं।”

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विधायक ने पत्र में कहा, “हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें भी हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और मणिपुर में शांति लाने की अनुमति दी जाए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सशस्त्र उग्रवादी/विद्रोही समूहों के खिलाफ और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे। उग्रवादियों ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है।

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को हिंसा फैलाने वाले इन समूहों के खिलाफ एसओओ समझौते को रद्द करना होगा।

दो संगठनों के अंतर्गत कुल 23 भूमिगत संगठनों – यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के अंतर्गत आठ और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के अंतर्गत 15 ने अगस्त 2008 में भारत सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उग्रवादी संगठनों के हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति और वित्तपोषण की जांच की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि एक मात्र जातीय संघर्ष इतने लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए, लेकिन अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और समर्थन के कारण यह लगभग डेढ़ साल तक जारी रहा है। राज्य में सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए इन आपूर्तियों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी लगातार राज्य में आतंक फैला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं है।

भाजपा विधायक ने केंद्र से मांग की कि वह मनियूर में जातीय संकट का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच जल्द से जल्द राजनीतिक वार्ता और सहभागिता शुरू करे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

पिछले वर्ष तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का मुख्य सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

मणिपुर सरकार ने पुलिस महानिदेशक को भी बदल दिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था।

रविवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में 32 वर्षीय एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मृतक महिला की 8 वर्षीय बेटी सहित 10 अन्य को घायल कर दिया।

मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि उग्रवादियों ने ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर निहत्थे ग्रामीणों पर हमला किया।

सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस कमांडो के संयुक्त सुरक्षाबलों ने सोमवार को कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में अपना संयुक्त तलाशी अभियान जारी रखा।

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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इंफाल, 2 सितंबर (आईएएनएस)। इंफाल पश्चिम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से राज्य से 60,000 केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।

राजकुमार सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी “शांति स्थापित नहीं कर रही है, इसलिए बेहतर है कि इन्‍हें हटा दिया जाए। इनकी यहां कोई उपयोग‍िता नहीं है। ये मूकदर्शक बने यहां मौजूद हैं।”

विधायक ने पत्र में कहा, “हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें भी हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और मणिपुर में शांति लाने की अनुमति दी जाए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सशस्त्र उग्रवादी/विद्रोही समूहों के खिलाफ और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे। उग्रवादियों ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है।

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को हिंसा फैलाने वाले इन समूहों के खिलाफ एसओओ समझौते को रद्द करना होगा।

दो संगठनों के अंतर्गत कुल 23 भूमिगत संगठनों – यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के अंतर्गत आठ और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के अंतर्गत 15 ने अगस्त 2008 में भारत सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उग्रवादी संगठनों के हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति और वित्तपोषण की जांच की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि एक मात्र जातीय संघर्ष इतने लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए, लेकिन अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और समर्थन के कारण यह लगभग डेढ़ साल तक जारी रहा है। राज्य में सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए इन आपूर्तियों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी लगातार राज्य में आतंक फैला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं है।

भाजपा विधायक ने केंद्र से मांग की कि वह मनियूर में जातीय संकट का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच जल्द से जल्द राजनीतिक वार्ता और सहभागिता शुरू करे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

पिछले वर्ष तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का मुख्य सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

मणिपुर सरकार ने पुलिस महानिदेशक को भी बदल दिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था।

रविवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में 32 वर्षीय एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मृतक महिला की 8 वर्षीय बेटी सहित 10 अन्य को घायल कर दिया।

मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि उग्रवादियों ने ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर निहत्थे ग्रामीणों पर हमला किया।

सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस कमांडो के संयुक्त सुरक्षाबलों ने सोमवार को कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में अपना संयुक्त तलाशी अभियान जारी रखा।

–आईएएनएस

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इंफाल, 2 सितंबर (आईएएनएस)। इंफाल पश्चिम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से राज्य से 60,000 केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।

राजकुमार सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी “शांति स्थापित नहीं कर रही है, इसलिए बेहतर है कि इन्‍हें हटा दिया जाए। इनकी यहां कोई उपयोग‍िता नहीं है। ये मूकदर्शक बने यहां मौजूद हैं।”

विधायक ने पत्र में कहा, “हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें भी हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और मणिपुर में शांति लाने की अनुमति दी जाए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सशस्त्र उग्रवादी/विद्रोही समूहों के खिलाफ और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे। उग्रवादियों ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है।

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को हिंसा फैलाने वाले इन समूहों के खिलाफ एसओओ समझौते को रद्द करना होगा।

दो संगठनों के अंतर्गत कुल 23 भूमिगत संगठनों – यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के अंतर्गत आठ और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के अंतर्गत 15 ने अगस्त 2008 में भारत सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उग्रवादी संगठनों के हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति और वित्तपोषण की जांच की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि एक मात्र जातीय संघर्ष इतने लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए, लेकिन अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और समर्थन के कारण यह लगभग डेढ़ साल तक जारी रहा है। राज्य में सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए इन आपूर्तियों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी लगातार राज्य में आतंक फैला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं है।

भाजपा विधायक ने केंद्र से मांग की कि वह मनियूर में जातीय संकट का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच जल्द से जल्द राजनीतिक वार्ता और सहभागिता शुरू करे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

पिछले वर्ष तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का मुख्य सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

मणिपुर सरकार ने पुलिस महानिदेशक को भी बदल दिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था।

रविवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में 32 वर्षीय एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मृतक महिला की 8 वर्षीय बेटी सहित 10 अन्य को घायल कर दिया।

मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि उग्रवादियों ने ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर निहत्थे ग्रामीणों पर हमला किया।

सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस कमांडो के संयुक्त सुरक्षाबलों ने सोमवार को कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में अपना संयुक्त तलाशी अभियान जारी रखा।

–आईएएनएस

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इंफाल, 2 सितंबर (आईएएनएस)। इंफाल पश्चिम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से राज्य से 60,000 केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।

राजकुमार सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी “शांति स्थापित नहीं कर रही है, इसलिए बेहतर है कि इन्‍हें हटा दिया जाए। इनकी यहां कोई उपयोग‍िता नहीं है। ये मूकदर्शक बने यहां मौजूद हैं।”

विधायक ने पत्र में कहा, “हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें भी हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और मणिपुर में शांति लाने की अनुमति दी जाए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सशस्त्र उग्रवादी/विद्रोही समूहों के खिलाफ और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे। उग्रवादियों ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है।

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को हिंसा फैलाने वाले इन समूहों के खिलाफ एसओओ समझौते को रद्द करना होगा।

दो संगठनों के अंतर्गत कुल 23 भूमिगत संगठनों – यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के अंतर्गत आठ और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के अंतर्गत 15 ने अगस्त 2008 में भारत सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उग्रवादी संगठनों के हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति और वित्तपोषण की जांच की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि एक मात्र जातीय संघर्ष इतने लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए, लेकिन अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और समर्थन के कारण यह लगभग डेढ़ साल तक जारी रहा है। राज्य में सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए इन आपूर्तियों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी लगातार राज्य में आतंक फैला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं है।

भाजपा विधायक ने केंद्र से मांग की कि वह मनियूर में जातीय संकट का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच जल्द से जल्द राजनीतिक वार्ता और सहभागिता शुरू करे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

पिछले वर्ष तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का मुख्य सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

मणिपुर सरकार ने पुलिस महानिदेशक को भी बदल दिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था।

रविवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में 32 वर्षीय एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मृतक महिला की 8 वर्षीय बेटी सहित 10 अन्य को घायल कर दिया।

मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि उग्रवादियों ने ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर निहत्थे ग्रामीणों पर हमला किया।

सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस कमांडो के संयुक्त सुरक्षाबलों ने सोमवार को कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में अपना संयुक्त तलाशी अभियान जारी रखा।

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इंफाल, 2 सितंबर (आईएएनएस)। इंफाल पश्चिम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से राज्य से 60,000 केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।

राजकुमार सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी “शांति स्थापित नहीं कर रही है, इसलिए बेहतर है कि इन्‍हें हटा दिया जाए। इनकी यहां कोई उपयोग‍िता नहीं है। ये मूकदर्शक बने यहां मौजूद हैं।”

विधायक ने पत्र में कहा, “हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें भी हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और मणिपुर में शांति लाने की अनुमति दी जाए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सशस्त्र उग्रवादी/विद्रोही समूहों के खिलाफ और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे। उग्रवादियों ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है।

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को हिंसा फैलाने वाले इन समूहों के खिलाफ एसओओ समझौते को रद्द करना होगा।

दो संगठनों के अंतर्गत कुल 23 भूमिगत संगठनों – यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के अंतर्गत आठ और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के अंतर्गत 15 ने अगस्त 2008 में भारत सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उग्रवादी संगठनों के हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति और वित्तपोषण की जांच की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि एक मात्र जातीय संघर्ष इतने लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए, लेकिन अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और समर्थन के कारण यह लगभग डेढ़ साल तक जारी रहा है। राज्य में सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए इन आपूर्तियों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी लगातार राज्य में आतंक फैला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं है।

भाजपा विधायक ने केंद्र से मांग की कि वह मनियूर में जातीय संकट का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच जल्द से जल्द राजनीतिक वार्ता और सहभागिता शुरू करे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

पिछले वर्ष तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का मुख्य सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

मणिपुर सरकार ने पुलिस महानिदेशक को भी बदल दिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था।

रविवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में 32 वर्षीय एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मृतक महिला की 8 वर्षीय बेटी सहित 10 अन्य को घायल कर दिया।

मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि उग्रवादियों ने ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर निहत्थे ग्रामीणों पर हमला किया।

सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस कमांडो के संयुक्त सुरक्षाबलों ने सोमवार को कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में अपना संयुक्त तलाशी अभियान जारी रखा।

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राजकुमार सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी “शांति स्थापित नहीं कर रही है, इसलिए बेहतर है कि इन्‍हें हटा दिया जाए। इनकी यहां कोई उपयोग‍िता नहीं है। ये मूकदर्शक बने यहां मौजूद हैं।”

विधायक ने पत्र में कहा, “हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें भी हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और मणिपुर में शांति लाने की अनुमति दी जाए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सशस्त्र उग्रवादी/विद्रोही समूहों के खिलाफ और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे। उग्रवादियों ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है।

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को हिंसा फैलाने वाले इन समूहों के खिलाफ एसओओ समझौते को रद्द करना होगा।

दो संगठनों के अंतर्गत कुल 23 भूमिगत संगठनों – यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के अंतर्गत आठ और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के अंतर्गत 15 ने अगस्त 2008 में भारत सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उग्रवादी संगठनों के हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति और वित्तपोषण की जांच की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि एक मात्र जातीय संघर्ष इतने लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए, लेकिन अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और समर्थन के कारण यह लगभग डेढ़ साल तक जारी रहा है। राज्य में सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए इन आपूर्तियों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी लगातार राज्य में आतंक फैला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं है।

भाजपा विधायक ने केंद्र से मांग की कि वह मनियूर में जातीय संकट का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच जल्द से जल्द राजनीतिक वार्ता और सहभागिता शुरू करे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

पिछले वर्ष तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का मुख्य सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

मणिपुर सरकार ने पुलिस महानिदेशक को भी बदल दिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था।

रविवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में 32 वर्षीय एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मृतक महिला की 8 वर्षीय बेटी सहित 10 अन्य को घायल कर दिया।

मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि उग्रवादियों ने ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर निहत्थे ग्रामीणों पर हमला किया।

सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस कमांडो के संयुक्त सुरक्षाबलों ने सोमवार को कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में अपना संयुक्त तलाशी अभियान जारी रखा।

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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इंफाल, 2 सितंबर (आईएएनएस)। इंफाल पश्चिम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से राज्य से 60,000 केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।

राजकुमार सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी “शांति स्थापित नहीं कर रही है, इसलिए बेहतर है कि इन्‍हें हटा दिया जाए। इनकी यहां कोई उपयोग‍िता नहीं है। ये मूकदर्शक बने यहां मौजूद हैं।”

विधायक ने पत्र में कहा, “हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें भी हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और मणिपुर में शांति लाने की अनुमति दी जाए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सशस्त्र उग्रवादी/विद्रोही समूहों के खिलाफ और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे। उग्रवादियों ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है।

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को हिंसा फैलाने वाले इन समूहों के खिलाफ एसओओ समझौते को रद्द करना होगा।

दो संगठनों के अंतर्गत कुल 23 भूमिगत संगठनों – यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के अंतर्गत आठ और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के अंतर्गत 15 ने अगस्त 2008 में भारत सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उग्रवादी संगठनों के हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति और वित्तपोषण की जांच की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि एक मात्र जातीय संघर्ष इतने लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए, लेकिन अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और समर्थन के कारण यह लगभग डेढ़ साल तक जारी रहा है। राज्य में सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए इन आपूर्तियों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी लगातार राज्य में आतंक फैला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं है।

भाजपा विधायक ने केंद्र से मांग की कि वह मनियूर में जातीय संकट का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच जल्द से जल्द राजनीतिक वार्ता और सहभागिता शुरू करे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

पिछले वर्ष तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का मुख्य सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

मणिपुर सरकार ने पुलिस महानिदेशक को भी बदल दिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था।

रविवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में 32 वर्षीय एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मृतक महिला की 8 वर्षीय बेटी सहित 10 अन्य को घायल कर दिया।

मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि उग्रवादियों ने ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर निहत्थे ग्रामीणों पर हमला किया।

सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस कमांडो के संयुक्त सुरक्षाबलों ने सोमवार को कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में अपना संयुक्त तलाशी अभियान जारी रखा।

–आईएएनएस

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इंफाल, 2 सितंबर (आईएएनएस)। इंफाल पश्चिम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से राज्य से 60,000 केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।

राजकुमार सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी “शांति स्थापित नहीं कर रही है, इसलिए बेहतर है कि इन्‍हें हटा दिया जाए। इनकी यहां कोई उपयोग‍िता नहीं है। ये मूकदर्शक बने यहां मौजूद हैं।”

विधायक ने पत्र में कहा, “हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें भी हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और मणिपुर में शांति लाने की अनुमति दी जाए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सशस्त्र उग्रवादी/विद्रोही समूहों के खिलाफ और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे। उग्रवादियों ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है।

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को हिंसा फैलाने वाले इन समूहों के खिलाफ एसओओ समझौते को रद्द करना होगा।

दो संगठनों के अंतर्गत कुल 23 भूमिगत संगठनों – यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के अंतर्गत आठ और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के अंतर्गत 15 ने अगस्त 2008 में भारत सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उग्रवादी संगठनों के हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति और वित्तपोषण की जांच की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि एक मात्र जातीय संघर्ष इतने लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए, लेकिन अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और समर्थन के कारण यह लगभग डेढ़ साल तक जारी रहा है। राज्य में सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए इन आपूर्तियों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी लगातार राज्य में आतंक फैला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं है।

भाजपा विधायक ने केंद्र से मांग की कि वह मनियूर में जातीय संकट का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच जल्द से जल्द राजनीतिक वार्ता और सहभागिता शुरू करे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

पिछले वर्ष तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का मुख्य सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

मणिपुर सरकार ने पुलिस महानिदेशक को भी बदल दिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था।

रविवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में 32 वर्षीय एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मृतक महिला की 8 वर्षीय बेटी सहित 10 अन्य को घायल कर दिया।

मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि उग्रवादियों ने ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर निहत्थे ग्रामीणों पर हमला किया।

सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस कमांडो के संयुक्त सुरक्षाबलों ने सोमवार को कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में अपना संयुक्त तलाशी अभियान जारी रखा।

–आईएएनएस

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