deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

भारतीय-अमेरिकी पर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले का आरोप

by
September 1, 2023
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
6
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

READ ALSO

उत्तर प्रदेश के चंदौली में ‘पीएम स्वनिधि’ के तहत फुटकर व्यापारियों को मिल रहा सहूलियत भरा लोन

बिहार : मोतिहारी में ‘पीएम जन आरोग्य योजना’ के लाभार्थियों ने सरकार को सराहा

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

ADVERTISEMENT

न्यूयॉर्क, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने गुरुवार को घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।

मनोज को गुरुवार को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया।

सेलिंगर ने कहा, ” आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया।”

उन्होंने कहा, “सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे।”

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथि‍यों ने, जिनमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा।

वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे, जिनमें “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज, एलएलसी”, “फेब्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज”, “पीएन बुककीपिंग सर्विसेज”, “फेब्स कंसल्टिंग”, “क्विकबुक्स टेक असिस्ट”, “क्विकबुक यूएस”, “क्विकबुक अकाउंटिंग”, और “क्विकबुक सपोर्ट टीम”शामिल हैं।

साजिशकर्ता लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ पीड़ितों की तकनीकी समस्याओं को ठीक करने की आड़ में उनसे संपर्क करतेे थे और सेवाओं के बदले में उनसे अत्यधिक शुल्क लेते थे। जबकि सॉफ़्टवेयर कंपनी ने कभी भी यादव या उसके साथि‍यों को अपनी ओर सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया था।

यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजे। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था।

एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, “यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्‍हें मुफ्त मिलती है।”

–आईएएनएस

सीबीटी

Related Posts

ताज़ा समाचार

उत्तर प्रदेश के चंदौली में ‘पीएम स्वनिधि’ के तहत फुटकर व्यापारियों को मिल रहा सहूलियत भरा लोन

June 1, 2025
ताज़ा समाचार

बिहार : मोतिहारी में ‘पीएम जन आरोग्य योजना’ के लाभार्थियों ने सरकार को सराहा

June 1, 2025
ताज़ा समाचार

राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस को याद आ रहा संविधान : दिलीप जायसवाल

June 1, 2025
ताज़ा समाचार

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत की वैश्विक छवि और मजबूत हुई : डेनमार्क के पूर्व राजदूत (आईएएनएस साक्षात्कार)

June 1, 2025
ताज़ा समाचार

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा और कवर्धा के लोगों ने लिया ‘पीएम स्वनिधि’ का लाभ, जताया प्रधानमंत्री का आभार

June 1, 2025
ताज़ा समाचार

दिल्ली भगाओ, पंजाबी लाओ : ‘आप’ की अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत, पटियाला में जोरदार प्रदर्शन

June 1, 2025
Next Post
लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट का प्रमुख सदस्य दिल्ली में गिरफ्तार

लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट का प्रमुख सदस्य दिल्ली में गिरफ्तार

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

083200
Total views : 5884627
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In