नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के लिए चार विशेष सर्वेक्षण पोत (जहाज) बनाए जा रहे हैं। इनमें से पहला जहाज ‘संध्याक’ (यार्ड 3025), 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना को सौंपा गया। अपनी द्वितीयक भूमिका में, ये पोत सीमित सुरक्षा प्रदान करेंगे और युद्ध व आपातकालीन स्थिति के दौरान अस्पताल के रूप में कार्य करेंगे।
इस पोत की प्राथमिक भूमिका बंदरगाह या हार्बर तक पहुंचने वाले मार्गों का सम्पूर्ण तटीय और डीप-वॉटर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना है। साथ ही नौवहन चैनलों या मार्गों का निर्धारण करना जहाज का कार्य है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इसके परिचालन क्षेत्र में ईईजेड, एक्सटेंडेड कॉन्टिनेंटल शेल्फ तक की समुद्री सीमाएं शामिल हैं। ये पोत रक्षा और नागरिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा भी एकत्र करेंगे। यह जहाज लगभग 3,400 टन के विस्थापन और 110 मीटर लंबा है।
‘संध्याक’ अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों जैसे डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, रिमोट चालित वाहन, डीजीपीएस लॉन्ग रेंज पोजिशनिंग सिस्टम, डिजिटल साइड स्कैन सोनार से युक्त है। दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित यह पोत 18 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पोत के निर्माण की प्रक्रिया 12 मार्च 2019 को आरंभ हुई। इस पोत को 5 दिसंबर 2021 को लॉन्च किया गया। यह पोत बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षणों से गुजर चुका है। इसके पश्चात 4 दिसंबर 2023 को इसे भारतीय नौसेना को सौंपा गया। लागत की दृष्टि से संध्याक में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि संध्याक की सुपुर्दगी भारत सरकार और भारतीय नौसेना द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में दिए जा रहे प्रोत्साहन की पुष्टि है। संध्याक के निर्माण के दौरान कोविड और अन्य भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, इसको शामिल किया जाना, हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्र की समुद्री ताकत बढ़ाने की दिशा में बड़ी संख्या में हितधारकों, एमएसएमई और भारतीय उद्योग के सहयोगपूर्ण प्रयासों का परिणाम है।
एसवीएल पोतों को इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग क्लासिफिकेशन सोसाइटी के नियमों के अनुसार मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता में बनाए जा रहे चार सर्वेक्षण पोत (वृहद) में से प्रथम, संध्याक (यार्ड 3025), 4 दिसंबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंपा गया। चार सर्वेक्षण पोतों (वृहद) के लिए 30 अक्टूबर 2018 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गये थे।
–आईएएनएस
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