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Home Today's Special News

भारतीय मूल के सिख इंजीनियर ने पीएम ऋषि सुनक का पुरस्कार जीता

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January 27, 2023
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भारतीय मूल के सिख इंजीनियर ने पीएम ऋषि सुनक का पुरस्कार जीता
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लंदन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक सिख इंजीनियर ने कम आय वाले समुदायों के लिए ऊर्जा-कुशल मैनुअल वाशिंग मशीन डिजाइन किया। इसके लिए उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

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नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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लंदन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक सिख इंजीनियर ने कम आय वाले समुदायों के लिए ऊर्जा-कुशल मैनुअल वाशिंग मशीन डिजाइन किया। इसके लिए उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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लंदन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक सिख इंजीनियर ने कम आय वाले समुदायों के लिए ऊर्जा-कुशल मैनुअल वाशिंग मशीन डिजाइन किया। इसके लिए उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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लंदन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक सिख इंजीनियर ने कम आय वाले समुदायों के लिए ऊर्जा-कुशल मैनुअल वाशिंग मशीन डिजाइन किया। इसके लिए उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

लंदन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक सिख इंजीनियर ने कम आय वाले समुदायों के लिए ऊर्जा-कुशल मैनुअल वाशिंग मशीन डिजाइन किया। इसके लिए उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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लंदन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक सिख इंजीनियर ने कम आय वाले समुदायों के लिए ऊर्जा-कुशल मैनुअल वाशिंग मशीन डिजाइन किया। इसके लिए उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

–आईएएनएस

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लंदन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक सिख इंजीनियर ने कम आय वाले समुदायों के लिए ऊर्जा-कुशल मैनुअल वाशिंग मशीन डिजाइन किया। इसके लिए उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

–आईएएनएस

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लंदन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक सिख इंजीनियर ने कम आय वाले समुदायों के लिए ऊर्जा-कुशल मैनुअल वाशिंग मशीन डिजाइन किया। इसके लिए उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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लंदन स्थित नवजोत साहनी की हाथ से चलने वाली वाशिंग मशीन बिना इलेक्ट्रिक मशीन के 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है। नवजोत ने लगभग चार साल पहले द वाशिंग मशीन प्रोजेक्ट की स्थापना की, जिसके साथ दुनियाभर में अब तक 300 से अधिक मशीनों को शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अनाथालयों सहित अन्य स्थानों पर वितरित किया गया है।

नवजोत ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड प्राप्त करना और प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि है। आगे कहा कि वॉशिंग मशीन प्रोजेक्ट का मिशन मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों पर अवैतनिक श्रम के बोझ को कम करना है। मुझे बहुत गर्व है कि हाथ धोने वालों को साफ कपड़ों की गरिमा वापस देने से वह पहचान मिल रही है जिसके वह हकदार हैं।

मशीन का नाम भारत में उसकी पड़ोसी दिव्या के नाम पर रखा गया है, जो हर हफ्ते 20 घंटे तक अपने परिवार के कपड़े धोने में लगाती थी। जिससे उसके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हाथ से कपड़े धोने की तुलना में मशीन 50 प्रतिशत तक पानी और 75 प्रतिशत समय बचाने में मदद कर सकती है।

नवजोत की मशीनें यूक्रेनी परिवारों की भी मदद कर रही हैं, जिन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया है और वर्तमान में मानवीय सहायता केंद्रों में रह रहे हैं। नवजोत को लिखे एक निजी पत्र में पीएम सुनक ने कहा, आपने एक इंजीनियर के रूप में अपने पेशेवर कौशल का उपयोग दुनियाभर के उन हजारों लोगों की मदद करने के लिए किया है, जिनके पास इलेक्ट्रिक वाशिंग मशीन तक पहुंच नहीं है।

पीएम ने आगे कहा कि मशीनें परिवारों को साफ-सुथरे कपड़ों की शान दे रही हैं और कई महिलाओं को सशक्त बना रही हैं जो शिक्षा और रोजगार से पीछे रह गई हैं। सुनक ने पत्र में लिखा, दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपकी सरलता, करुणा और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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