नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय सेना नारी शक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सशस्त्र सुरक्षा बलों के प्रयासों को प्रमुखता से प्रोत्साहन दे रही है। भारतीय सेना ने अपने मिशन ओलंपिक कार्यक्रम के तहत चार मेधावी महिला खिलाड़ियों को कोर ऑफ मिल्रिटी पुलिस में डायरेक्ट एंट्री हवलदार के रूप में नियुक्ति प्रदान की है।
ये चार मेधावी महिला खिलाड़ी, रिक्रूट हवलदार साक्षी (मुक्केबाजी), रिक्रूट हवलदार अरुंधती चौधरी (मुक्केबाजी), रिक्रूट हवलदार भटेरी (कुश्ती) और रिक्रूट हवलदार प्रियंका (कुश्ती) हैं। इन खिलाड़ियों ने मुक्केबाजी एवं कुश्ती के खेल में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के महिला वर्ग में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करने में अग्रणी रह कर इतिहास रच दिया है। भोपाल में इन खेलों का आयोजन किया जा रहा है और इन खिलाड़ियों ने 6वीं विशिष्ट महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2022 (19 से 26 दिसंबर 2022) तथा विशाखापत्तनम में सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप (21 से 23 दिसंबर 2022) में हिस्सा लिया है।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय सेना में खिलाड़ियों को बढ़ावा देने तथा उनको आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की एक लंबी व शानदार परंपरा रही है। सेना मिशन ओलंपिक नामक एक अच्छी तरह से संरचित कार्यक्रम संचालित करती है। इससे पहले वर्ष में, 400 मीटर एथलेटिक्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी सुमी और मुक्केबाजी में राष्ट्रमंडल खेलों 2022 की कांस्य पदक विजेता जैस्मीन लैम्बोरिया को भी भारतीय सेना द्वारा भर्ती किया गया था।
मिर्जापुर के एक टीवी मैकेनिक की बेटी सानिया ने एनडीए की परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मिजार्पुर जिले के छोटे से गांव से निकलकर सानिया ने अपने इस बड़े सपने को पूरा किया है। भारत की प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी, सानिया की प्रेरणा हैं।
अब यदि सानिया अपने प्रत्येक टास्क, अभ्यास एवं परीक्षा में सफल रहती हैं तो वह फाइटर पायलट बन सकती हैं। सानिया ने 10 अप्रैल को एनडीए की परीक्षा दी थी। इसके उपरांत नवंबर में जारी रिजल्ट में उनका चयन हुआ। वह फ्लाइंग विंग में चुनी जाने वाली दो महिलाओं में से एक हैं।
भारतीय वायु सेना के मुताबिक फ्लाइंग ब्रांच में वायु सेना कैडेट के रूप में एनडीए में शामिल होने वाले किसी भी उम्मीदवार को अन्य 2 सेवाओं के अपने सहपाठियों के साथ 3 साल के संयुक्त प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। एनडीए का उद्देश्य सेवाओं के बीच संयुक्त कौशल को बढ़ावा देना है, इसलिए प्रशिक्षण सभी के लिए सामान्य है। एनडीए से पास आउट होने के बाद वायुसेना के कैडेट एक साल के लिए एएफए में उड़ान प्रशिक्षण के लिए आगे बढ़ते हैं। इस वर्ष के अंत में एक कैडेट स्ट्रीम (लड़ाकू, परिवहन, हेलीकॉप्टर) तय किया गया है। यह कैडेट की पसंद, योग्यता और योग्यता पर आधारित है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम