नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहा है कि भारत एआई पेशेवरों के लिए एक प्रमुख रिसोर्स टैलेंट हब है।
उन्होंने कहा कि ‘एआई को अपनाने’ के लिए एनवायरमेंट को तैयार करने में सरकार और उद्योगों ने कई प्रयास किए हैं, जो अपने आप में स्पष्ट दिखाई देते हैं।
अफ्रीका के सबसे बड़े टेक और स्टार्टअप शो ‘जीआईटीएक्स अफ्रीका 2025’ में राज्य मंत्री ने कहा कि भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) ने विशेष रूप से डिजिटल पहचान (आधार), डिजिटल पेमेंट (यूपीआई), ई-कॉमर्स (ओएनडीसी) और स्वास्थ्य सेवा के विकास के माध्यम से कई क्षेत्रों में बड़े बदलाव पेश किए हैं।
राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने मोरक्को की राजधानी मारकेश में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा, “हम एडवांस टेक्नोलॉजी को अपने स्किलिंग इकोसिस्टम में इंटीग्रेट करने पर तेजी से काम कर रहे हैं, जिनमें एआई, साइबर सिक्योरिटी, फिनटेक और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “स्किलिंग इकोसिस्टम के लिए एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) के तहत महज डेढ़ वर्ष में 1 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को जोड़ा गया है। ये वे क्षेत्र हैं, जो हमारे अफ्रीकन पार्टनर से जुड़ने को लेकर अहम हैं और हम निरंतर साझेदारी के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सामूहिक रूप से विकसित कर सकते हैं।”
तीन दिवसीय कार्यक्रम ने नीति निर्माताओं, परिवर्तनकर्ताओं और दूरदर्शी लोगों को सामूहिक रूप से चर्चा और सहयोग करने के अवसरों पर विचार-विमर्श करने के लिए मंच प्रदान किया।
उन्होंने कहा, “भारत की डिजिटलीकरण की गति दूसरे विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले कहीं अधिक है और देश में ओपन-सोर्स डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम भी हैं। इसी के साथ देश सहयोग और ज्ञान साझा करने के साथ विकासशील देशों की मदद डिजिटलीकरण को गति देने में कर सकता है।”
सम्मेलन के दौरान, राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने द्विपक्षीय बैठकें कीं। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अनुसार, अपनी चर्चाओं में चौधरी ने एआई, रिसर्च और क्षमता में तालमेल पर व्यापक रूप से चर्चा की।
–आईएएनएस
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