नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के डिजिटल विकास में गेमिंग सेक्टर की भूमिका अहम मानी जा रही है। नई दिल्ली में आयोजित ‘भारतीय गेमिंग कन्वेंशन-2024’ में मेटा की उपाध्यक्ष और भारत प्रमुख संध्या देवनाथन ने भारत के डिजिटल विकास पर अपनी बात रखी। गेमिंग कन्वेंशन में गेमिंग सेक्टर को देश की 1 ट्रिलियन डॉलर डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख चालक बताया गया।
देवनाथन ने भारत को लेकर भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हम निकट भविष्य में 8 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर देख रहे हैं, जिसमें से 1 ट्रिलियन डॉलर डिजिटल द्वारा संचालित होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि देश में 820 मिलियन इंटरनेट यूजर्स हैं, जो यूरोप की पूरी आबादी से भी अधिक है। इनमें से 650 मिलियन सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर एक्टिव हैं और 400 मिलियन भारतीय पहले से ही गेमिंग को लेकर एक्टिव हैं। यह विकास केवल यूजर्स को लेकर ही नहीं है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक प्रभाव को लेकर भी महत्वपूर्ण है।
देवनाथन का कहना है कि गेमिंग सेक्टर भारत को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 2028 तक गेमर्स की यह संख्या 700 मिलियन का आंकड़ा छू लेगी। गेमर्स की बढ़ती संख्या गेमिंग इंडस्ट्री के राजस्व में योगदान देगी और डेवलपर्स, ब्रांड, क्रिएटर और स्टार्टअप से मिलकर एक बड़ा इकोसिस्टम भी तैयार होगा। इस इकोसिस्टम के साथ 3 मिलियन नौकरियां पैदा हो सकेंगी और गेमिंग मार्केट को 8 बिलियन डॉलर के राजस्व तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
देवनाथन ने आगे कहा कि मेटा ने भारत में गेमिंग के विकास को समझते हुए निवेश किया है। हम खुद को गेमिंग इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं, जो तीन तरीकों से गेमिंग विकास के लिए काम करता है :- इनोवेशन को बढ़ावा देना, समुदायों को सशक्त बनाना और व्यवसायों को मूल्य प्रदान करना।
उन्होंने फेसबुक और मेटाक्वेस्ट इकोसिस्टम जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए मेटा के योगदान पर जोर दिया। मेटा इन प्लेटफॉर्म के साथ गेमिंग कंपनियों को गेमर्स तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।
–आईएएनएस
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