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Home ताज़ा समाचार

भारत-नेपाल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरा होने के करीब, पीएम प्रचंड ने साइट का किया दौरा

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June 5, 2024
in ताज़ा समाचार
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काठमांडू, 5 जून (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने संखुवासभा जिले में 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना (हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट) की 11.8 किलोमीटर लंबी हेड रेस टनल के लिए उत्खनन का काम पूरा होने के बाद साइट का दौरा किया।

अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

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सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

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काठमांडू, 5 जून (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने संखुवासभा जिले में 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना (हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट) की 11.8 किलोमीटर लंबी हेड रेस टनल के लिए उत्खनन का काम पूरा होने के बाद साइट का दौरा किया।

अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

–आईएएनएस

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काठमांडू, 5 जून (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने संखुवासभा जिले में 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना (हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट) की 11.8 किलोमीटर लंबी हेड रेस टनल के लिए उत्खनन का काम पूरा होने के बाद साइट का दौरा किया।

अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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काठमांडू, 5 जून (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने संखुवासभा जिले में 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना (हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट) की 11.8 किलोमीटर लंबी हेड रेस टनल के लिए उत्खनन का काम पूरा होने के बाद साइट का दौरा किया।

अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

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इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

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एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

एसजेवीएन इस समय नेपाल में अरुण नदी बेसिन पर 2,200 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को पूरा कर रहा है।

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अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) कर रही है। यह एसजेवीएन की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी है। एसएपीडीसी एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मकसद अरुण नदी बेसिन में सतत जलविद्युत उत्पादन से क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।

सुरंग निर्माण कार्य के शुभारंभ समारोह में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर नेपाल के पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब ले आई है। पीएम ने चल रही कोशिशों की सराहना की और अरुण-3 जल विद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने में नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम पुष्प कमल दहल ने पिछले साल नेपाल से बिजली के आयात के लिए लॉन्ग टर्म बिजली व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेड 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

एसजेवीएन के प्रमुख सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और इससे संबंधित 217 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना का 74 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शेष काम तेजी से जारी है। अरुण-3 जल विद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी और इसमें हर वर्ष 3,924 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

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