नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में हुई उल्लेखनीय प्रगति के बारे में बताया।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “भारत ने पिछले कुछ दशकों में कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। यह बदलाव खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। भारत ने न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है बल्कि भारत में औद्योगिक निवेश में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, और देश एफडीआई (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) के मामले में नए रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले कुछ वर्षों में यह वृद्धि लगातार बढ़ी है और इसके कारण भारत का आर्थिक परिदृश्य बदलकर एक नई दिशा में अग्रसर हुआ है।”
उन्होंने कहा, “भारत ने 2023 में अपने औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इसके परिणामस्वरूप भारत ने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करने के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है और अब वह दुनिया में उच्चतम स्तर पर खड़ा हुआ है। पिछले दस वर्षों में भारत ने दुनिया भर से निवेश को आकर्षित किया है। विशेष रूप से 2023 के सितंबर महीने में भारत में एफडीआई में 45 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली, जो एक महत्वपूर्ण संकेत है कि भारत एक निवेश केंद्र के रूप में उभर रहा है। 10 साल के इस कालखंड में, भारत ने कुल 14 ट्रिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त किया, जिसमें से आठ ट्रिलियन डॉलर का निवेश केवल पिछले दस वर्षों में हुआ है।”
उन्होंने कहा, “इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि भारत तकनीकी और निर्माण के क्षेत्रों में भी उन्नति करे। भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल है, जहां उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण होता है। इसके अलावा, भारत ने सामरिक उत्पादों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसने भारतीय उद्योग को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलवाया है।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत केवल निर्यात और उद्योग तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह देश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और उनके विकास पर भी ध्यान दे रहा है। पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने भारतीय विरासत को सम्मानित करते हुए उसे एक वैश्विक पहचान दिलवाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। देश के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का विकास किया गया है, जिनमें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण काशी में विश्वनाथ धाम का विकास और सोमनाथ और केदारनाथ धाम में हुए बदलाव शामिल हैं। इन प्रयासों से भारत की सांस्कृतिक धरोहर को नया जीवन मिला है और दुनिया भर में इसकी पहचान बढ़ी है।”
उन्होंने कहा, “भारत के इन प्रयासों का परिणाम यह है कि देश में सांस्कृतिक पर्यटन को एक नई दिशा मिली है। हाल ही में भारत में आयोजित विश्व धरोहर समिति की बैठक इसका जीवंत उदाहरण है। भारत ने इस आयोजन को 40 दिनों के भीतर सफलतापूर्वक आयोजित किया, जिसमें 170 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह आयोजन एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ, जो देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों की महत्ता को बढ़ाता है। इसके अलावा, भारत को एक और बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई, जब असम में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता मिली।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्रों में भी अद्वितीय सफलता हासिल की है। जी-20 सम्मेलन के दौरान, भारत ने काशी कल्चरल पाथवे को प्रस्तुत किया, जो एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहल है। इसके बाद, ब्राजील में हुई बैठक में भी भारत ने इस विचार को और आगे बढ़ाया। भारत ने यह प्रस्ताव रखा कि जिन देशों से सांस्कृतिक धरोहरें अनैतिक रूप से बाहर गई हैं, उन्हें वापस लाने की आवश्यकता है। यह पहल न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करती है, बल्कि दुनिया भर के देशों को एकजुट करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।”
–आईएएनएस
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