नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में मॉल ऑपरेटर्स चालू वित्त वर्ष के दौरान 10-12 प्रतिशत की अच्छी राजस्व वृद्धि हासिल करेंगे। क्रिसिल की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, मॉल ऑपरेटर्स पिछले वित्त वर्ष की 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद इस बार भी अच्छी राजस्व वृद्धि पा सकेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े किराए के बढ़ने के साथ देखी जा रही है। इसके अलावा, पिछले दो वित्त वर्षों में लॉन्च मॉल की संख्या में वृद्धि होना भी राजस्व वृद्धि के लिए अहम होगा।
क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा रेट किए गए 32 ‘ग्रेड ए’ मॉल के विश्लेषण के अनुसार, स्थिर किराए की आय और अच्छी बैलेंस शीट क्रेडिट प्रोफाइल को स्थिर बनाए रखेंगे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष में मॉल ऑपरेटर्स पिछले दो वर्षों में चालू किए गए मॉल में अधिकतम क्षमता तक पहुंचने को प्राथमिकता देंगे, क्योंकि निर्माणाधीन परियोजनाएं अभी प्रारंभिक चरण में हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाही ने कहा, “इस वित्त वर्ष में मॉल में कुल ऑक्यूपेंसी पिछले वित्त वर्ष के 89 प्रतिशत से बढ़कर 92-93 प्रतिशत होने की उम्मीद है। यह पिछले दो वित्त वर्षों में लॉन्च मॉल में ऑक्यूपेंसी में उछाल के कारण होगा, जबकि स्थापित मॉल में ऑक्यूपेंसी समय पर रिन्यूवल्स के साथ लगभग 95 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी।”
उन्होंने कहा कि नए लॉन्च किए गए मॉल के पूरे साल के प्रभाव, 4-5 प्रतिशत की स्थिर किराए की वृद्धि और मध्यम खुदरा खपत वृद्धि के साथ, इस वित्त वर्ष में मॉल ऑपरेटर्स के लिए राजस्व वृद्धि 10-12 प्रतिशत तक ले जाएगी।
उच्च आधार प्रभाव और गर्मी की लहर के कारण इन मॉल की खुदरा खपत वृद्धि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 12.5 प्रतिशत से इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में 3-5 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान है।
टियर 1 शहरों में टियर 2 शहरों की तुलना में अधिक मॉडरेशन देखा गया है। दूसरी छमाही में खपत में तेजी आने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य से बेहतर मानसून और त्योहारी-शादी के मौसम ने पहली छमाही में कम वृद्धि की भरपाई की है। मॉल ऑपरेटर्स पर इसका प्रभाव सीमित रहेगा क्योंकि राजस्व साझेदारी कुल राजस्व का केवल 10-15 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच, मॉल ऑपरेटर्स ने अपनी परिचालन दक्षता बनाए रखी है, पिछले कुछ वर्षों में ईबीआईटीडीए मार्जिन लगभग 70 प्रतिशत रहा है और इस वित्त वर्ष में भी इसी स्तर पर बने रहने की उम्मीद है।
–आईएएनएस
एसकेटी/एबीएम