नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को मणिपुर के वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न परेड कराया जा रहा है और ट्विटर को नोटिस जारी किया।
एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि घटना में शामिल एक संदिग्ध को पकड़ लिया गया है। और भी लोगों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।”
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की और कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता।
–आईएएनएस
एसकेपी/एसकेपी
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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को मणिपुर के वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न परेड कराया जा रहा है और ट्विटर को नोटिस जारी किया।
एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि घटना में शामिल एक संदिग्ध को पकड़ लिया गया है। और भी लोगों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।”
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की और कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता।
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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को मणिपुर के वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न परेड कराया जा रहा है और ट्विटर को नोटिस जारी किया।
एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि घटना में शामिल एक संदिग्ध को पकड़ लिया गया है। और भी लोगों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।”
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की और कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता।
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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को मणिपुर के वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न परेड कराया जा रहा है और ट्विटर को नोटिस जारी किया।
एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि घटना में शामिल एक संदिग्ध को पकड़ लिया गया है। और भी लोगों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।”
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की और कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता।
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एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
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उन्होंने कहा, “एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।”
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
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उन्होंने कहा, “एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।”
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
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मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
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एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
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मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की और कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता।
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एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
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इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
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एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि घटना में शामिल एक संदिग्ध को पकड़ लिया गया है। और भी लोगों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है।
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मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
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एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
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मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
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मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
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उन्होंने कहा, “एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।”
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
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शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को मणिपुर के वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न परेड कराया जा रहा है और ट्विटर को नोटिस जारी किया।
एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, “एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है। डीजीपी मणिपुर को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।”
एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि घटना में शामिल एक संदिग्ध को पकड़ लिया गया है। और भी लोगों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “एनसीडब्ल्यू ने वीडियो के प्रसार पर ट्विटर को जिम्मेदार मानते हुए उसे नोटिस जारी किया है।”
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, दोनों महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। स्थिति की गंभीरता ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा, जिसने अब वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल दहला देने वाली घटना पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आवश्यक कार्रवाई तुरंत नहीं की गई तो वह हस्तक्षेप करेगी।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की और कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता।