deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

‘मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज’ एचईसी के पास बिजली बिल चुकाने को पैसे नहीं, किसी भी दिन ठप पड़ जाएंगे तीनों प्लांट

by
January 11, 2024
in राष्ट्रीय
0
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

रांची, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रही रांची स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के तीनों प्लांट किसी भी दिन ठप पड़ सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास बिजली बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं और झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 15 दिनों में कंपनी को बिजली काटने का अल्टीमेटम दिया है।

READ ALSO

दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए जारी की एडवाइजरी

पुंछ, उधमपुर से बाड़मेर तक शांतिपूर्ण हालात, जम्मू-कश्मीर सरकार ने की फर्जी खबरों से सावधान रहने की अपील

ऐसे में एचईसी ने भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एक बार फिर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, सरकार पहले ही कंपनी को किसी तरह की आर्थिक मदद से इनकार कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एचईसी को अपने ही संसाधनों के जरिए खड़ा होना होगा। एचईसी पर बिजली बिल के मद में झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का 180 करोड़ रुपए बकाया है।

निगम ने एचईसी को जो नोटिस जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर बकाया का भुगतान नहीं होने पर कंपनी को बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी। बिजली कटते ही एचईसी के तीनों प्लांट ठप हो जाएंगे। पहले ही जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी में इस नोटिस को लेकर हड़कंप है। यहां के अफसरों और कामगारों का 19 महीने का वेतन बकाया है। हालांकि, कंपनी के पास आज की तारीख में 1,355 करोड़ का वर्क ऑर्डर है, लेकिन, वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।

हाल में आई एचईसी की वर्ष 2022-23 की एनुअल रिपोर्ट से भी पता चलता है कि इसकी माली हालत दिनों-दिन किस तरह बदतर होती जा रही है। इस वर्ष एचईसी का कुल प्रोडक्शन महज 60.50 करोड़ रुपये का रहा, जबकि, कंपनी को 230.85 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ और घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ और घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ और घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ और घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था।

विभिन्न मदों में कंपनी की देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट में 6480.73 लाख, वॉलेंट्री पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 4 लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया हैं। कंपनी पर वेंडरों के भी करोड़ों रुपए बाकी हैं।

गौरतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) की स्थापना 1963 में हुई थी। एचईसी की स्थापना मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री (मातृ उद्योग) के रूप में की गई थी। इसके तीन प्रमुख प्लांट हैं- फाउंड्री फोर्ज प्लांट, हेवी मशीन बिल्डिंग प्लांट और हेवी मशीन टूल प्लांट।

इसने पिछले साठ वर्षों के इतिहास में स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, खनन, खनिज प्रसंस्करण, डिफेंस, इसरो, रेलवे, कोल सेक्टर सहित विभिन्न उद्योगों के लिए अनगिनत संख्या में भारी मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन किया है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

ADVERTISEMENT

रांची, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रही रांची स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के तीनों प्लांट किसी भी दिन ठप पड़ सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास बिजली बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं और झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 15 दिनों में कंपनी को बिजली काटने का अल्टीमेटम दिया है।

ऐसे में एचईसी ने भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एक बार फिर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, सरकार पहले ही कंपनी को किसी तरह की आर्थिक मदद से इनकार कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एचईसी को अपने ही संसाधनों के जरिए खड़ा होना होगा। एचईसी पर बिजली बिल के मद में झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का 180 करोड़ रुपए बकाया है।

निगम ने एचईसी को जो नोटिस जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर बकाया का भुगतान नहीं होने पर कंपनी को बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी। बिजली कटते ही एचईसी के तीनों प्लांट ठप हो जाएंगे। पहले ही जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी में इस नोटिस को लेकर हड़कंप है। यहां के अफसरों और कामगारों का 19 महीने का वेतन बकाया है। हालांकि, कंपनी के पास आज की तारीख में 1,355 करोड़ का वर्क ऑर्डर है, लेकिन, वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।

हाल में आई एचईसी की वर्ष 2022-23 की एनुअल रिपोर्ट से भी पता चलता है कि इसकी माली हालत दिनों-दिन किस तरह बदतर होती जा रही है। इस वर्ष एचईसी का कुल प्रोडक्शन महज 60.50 करोड़ रुपये का रहा, जबकि, कंपनी को 230.85 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ और घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ और घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ और घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ और घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था।

विभिन्न मदों में कंपनी की देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट में 6480.73 लाख, वॉलेंट्री पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 4 लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया हैं। कंपनी पर वेंडरों के भी करोड़ों रुपए बाकी हैं।

गौरतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) की स्थापना 1963 में हुई थी। एचईसी की स्थापना मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री (मातृ उद्योग) के रूप में की गई थी। इसके तीन प्रमुख प्लांट हैं- फाउंड्री फोर्ज प्लांट, हेवी मशीन बिल्डिंग प्लांट और हेवी मशीन टूल प्लांट।

इसने पिछले साठ वर्षों के इतिहास में स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, खनन, खनिज प्रसंस्करण, डिफेंस, इसरो, रेलवे, कोल सेक्टर सहित विभिन्न उद्योगों के लिए अनगिनत संख्या में भारी मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन किया है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

रांची, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रही रांची स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के तीनों प्लांट किसी भी दिन ठप पड़ सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास बिजली बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं और झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 15 दिनों में कंपनी को बिजली काटने का अल्टीमेटम दिया है।

ऐसे में एचईसी ने भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एक बार फिर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, सरकार पहले ही कंपनी को किसी तरह की आर्थिक मदद से इनकार कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एचईसी को अपने ही संसाधनों के जरिए खड़ा होना होगा। एचईसी पर बिजली बिल के मद में झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का 180 करोड़ रुपए बकाया है।

निगम ने एचईसी को जो नोटिस जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर बकाया का भुगतान नहीं होने पर कंपनी को बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी। बिजली कटते ही एचईसी के तीनों प्लांट ठप हो जाएंगे। पहले ही जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी में इस नोटिस को लेकर हड़कंप है। यहां के अफसरों और कामगारों का 19 महीने का वेतन बकाया है। हालांकि, कंपनी के पास आज की तारीख में 1,355 करोड़ का वर्क ऑर्डर है, लेकिन, वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।

हाल में आई एचईसी की वर्ष 2022-23 की एनुअल रिपोर्ट से भी पता चलता है कि इसकी माली हालत दिनों-दिन किस तरह बदतर होती जा रही है। इस वर्ष एचईसी का कुल प्रोडक्शन महज 60.50 करोड़ रुपये का रहा, जबकि, कंपनी को 230.85 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ और घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ और घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ और घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ और घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था।

विभिन्न मदों में कंपनी की देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट में 6480.73 लाख, वॉलेंट्री पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 4 लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया हैं। कंपनी पर वेंडरों के भी करोड़ों रुपए बाकी हैं।

गौरतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) की स्थापना 1963 में हुई थी। एचईसी की स्थापना मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री (मातृ उद्योग) के रूप में की गई थी। इसके तीन प्रमुख प्लांट हैं- फाउंड्री फोर्ज प्लांट, हेवी मशीन बिल्डिंग प्लांट और हेवी मशीन टूल प्लांट।

इसने पिछले साठ वर्षों के इतिहास में स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, खनन, खनिज प्रसंस्करण, डिफेंस, इसरो, रेलवे, कोल सेक्टर सहित विभिन्न उद्योगों के लिए अनगिनत संख्या में भारी मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन किया है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

ADVERTISEMENT

रांची, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रही रांची स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के तीनों प्लांट किसी भी दिन ठप पड़ सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास बिजली बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं और झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 15 दिनों में कंपनी को बिजली काटने का अल्टीमेटम दिया है।

ऐसे में एचईसी ने भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एक बार फिर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, सरकार पहले ही कंपनी को किसी तरह की आर्थिक मदद से इनकार कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एचईसी को अपने ही संसाधनों के जरिए खड़ा होना होगा। एचईसी पर बिजली बिल के मद में झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का 180 करोड़ रुपए बकाया है।

निगम ने एचईसी को जो नोटिस जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर बकाया का भुगतान नहीं होने पर कंपनी को बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी। बिजली कटते ही एचईसी के तीनों प्लांट ठप हो जाएंगे। पहले ही जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी में इस नोटिस को लेकर हड़कंप है। यहां के अफसरों और कामगारों का 19 महीने का वेतन बकाया है। हालांकि, कंपनी के पास आज की तारीख में 1,355 करोड़ का वर्क ऑर्डर है, लेकिन, वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।

हाल में आई एचईसी की वर्ष 2022-23 की एनुअल रिपोर्ट से भी पता चलता है कि इसकी माली हालत दिनों-दिन किस तरह बदतर होती जा रही है। इस वर्ष एचईसी का कुल प्रोडक्शन महज 60.50 करोड़ रुपये का रहा, जबकि, कंपनी को 230.85 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ और घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ और घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ और घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ और घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था।

विभिन्न मदों में कंपनी की देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट में 6480.73 लाख, वॉलेंट्री पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 4 लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया हैं। कंपनी पर वेंडरों के भी करोड़ों रुपए बाकी हैं।

गौरतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) की स्थापना 1963 में हुई थी। एचईसी की स्थापना मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री (मातृ उद्योग) के रूप में की गई थी। इसके तीन प्रमुख प्लांट हैं- फाउंड्री फोर्ज प्लांट, हेवी मशीन बिल्डिंग प्लांट और हेवी मशीन टूल प्लांट।

इसने पिछले साठ वर्षों के इतिहास में स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, खनन, खनिज प्रसंस्करण, डिफेंस, इसरो, रेलवे, कोल सेक्टर सहित विभिन्न उद्योगों के लिए अनगिनत संख्या में भारी मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन किया है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

ADVERTISEMENT

रांची, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रही रांची स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के तीनों प्लांट किसी भी दिन ठप पड़ सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास बिजली बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं और झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 15 दिनों में कंपनी को बिजली काटने का अल्टीमेटम दिया है।

ऐसे में एचईसी ने भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एक बार फिर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, सरकार पहले ही कंपनी को किसी तरह की आर्थिक मदद से इनकार कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एचईसी को अपने ही संसाधनों के जरिए खड़ा होना होगा। एचईसी पर बिजली बिल के मद में झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का 180 करोड़ रुपए बकाया है।

निगम ने एचईसी को जो नोटिस जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर बकाया का भुगतान नहीं होने पर कंपनी को बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी। बिजली कटते ही एचईसी के तीनों प्लांट ठप हो जाएंगे। पहले ही जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी में इस नोटिस को लेकर हड़कंप है। यहां के अफसरों और कामगारों का 19 महीने का वेतन बकाया है। हालांकि, कंपनी के पास आज की तारीख में 1,355 करोड़ का वर्क ऑर्डर है, लेकिन, वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।

हाल में आई एचईसी की वर्ष 2022-23 की एनुअल रिपोर्ट से भी पता चलता है कि इसकी माली हालत दिनों-दिन किस तरह बदतर होती जा रही है। इस वर्ष एचईसी का कुल प्रोडक्शन महज 60.50 करोड़ रुपये का रहा, जबकि, कंपनी को 230.85 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ और घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ और घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ और घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ और घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था।

विभिन्न मदों में कंपनी की देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट में 6480.73 लाख, वॉलेंट्री पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 4 लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया हैं। कंपनी पर वेंडरों के भी करोड़ों रुपए बाकी हैं।

गौरतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) की स्थापना 1963 में हुई थी। एचईसी की स्थापना मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री (मातृ उद्योग) के रूप में की गई थी। इसके तीन प्रमुख प्लांट हैं- फाउंड्री फोर्ज प्लांट, हेवी मशीन बिल्डिंग प्लांट और हेवी मशीन टूल प्लांट।

इसने पिछले साठ वर्षों के इतिहास में स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, खनन, खनिज प्रसंस्करण, डिफेंस, इसरो, रेलवे, कोल सेक्टर सहित विभिन्न उद्योगों के लिए अनगिनत संख्या में भारी मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन किया है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

ADVERTISEMENT

रांची, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रही रांची स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के तीनों प्लांट किसी भी दिन ठप पड़ सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास बिजली बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं और झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 15 दिनों में कंपनी को बिजली काटने का अल्टीमेटम दिया है।

ऐसे में एचईसी ने भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एक बार फिर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, सरकार पहले ही कंपनी को किसी तरह की आर्थिक मदद से इनकार कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एचईसी को अपने ही संसाधनों के जरिए खड़ा होना होगा। एचईसी पर बिजली बिल के मद में झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का 180 करोड़ रुपए बकाया है।

निगम ने एचईसी को जो नोटिस जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर बकाया का भुगतान नहीं होने पर कंपनी को बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी। बिजली कटते ही एचईसी के तीनों प्लांट ठप हो जाएंगे। पहले ही जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी में इस नोटिस को लेकर हड़कंप है। यहां के अफसरों और कामगारों का 19 महीने का वेतन बकाया है। हालांकि, कंपनी के पास आज की तारीख में 1,355 करोड़ का वर्क ऑर्डर है, लेकिन, वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।

हाल में आई एचईसी की वर्ष 2022-23 की एनुअल रिपोर्ट से भी पता चलता है कि इसकी माली हालत दिनों-दिन किस तरह बदतर होती जा रही है। इस वर्ष एचईसी का कुल प्रोडक्शन महज 60.50 करोड़ रुपये का रहा, जबकि, कंपनी को 230.85 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ और घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ और घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ और घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ और घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था।

विभिन्न मदों में कंपनी की देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट में 6480.73 लाख, वॉलेंट्री पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 4 लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया हैं। कंपनी पर वेंडरों के भी करोड़ों रुपए बाकी हैं।

गौरतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) की स्थापना 1963 में हुई थी। एचईसी की स्थापना मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री (मातृ उद्योग) के रूप में की गई थी। इसके तीन प्रमुख प्लांट हैं- फाउंड्री फोर्ज प्लांट, हेवी मशीन बिल्डिंग प्लांट और हेवी मशीन टूल प्लांट।

इसने पिछले साठ वर्षों के इतिहास में स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, खनन, खनिज प्रसंस्करण, डिफेंस, इसरो, रेलवे, कोल सेक्टर सहित विभिन्न उद्योगों के लिए अनगिनत संख्या में भारी मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन किया है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

रांची, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रही रांची स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के तीनों प्लांट किसी भी दिन ठप पड़ सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास बिजली बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं और झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 15 दिनों में कंपनी को बिजली काटने का अल्टीमेटम दिया है।

ऐसे में एचईसी ने भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एक बार फिर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, सरकार पहले ही कंपनी को किसी तरह की आर्थिक मदद से इनकार कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एचईसी को अपने ही संसाधनों के जरिए खड़ा होना होगा। एचईसी पर बिजली बिल के मद में झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का 180 करोड़ रुपए बकाया है।

निगम ने एचईसी को जो नोटिस जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर बकाया का भुगतान नहीं होने पर कंपनी को बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी। बिजली कटते ही एचईसी के तीनों प्लांट ठप हो जाएंगे। पहले ही जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी में इस नोटिस को लेकर हड़कंप है। यहां के अफसरों और कामगारों का 19 महीने का वेतन बकाया है। हालांकि, कंपनी के पास आज की तारीख में 1,355 करोड़ का वर्क ऑर्डर है, लेकिन, वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।

हाल में आई एचईसी की वर्ष 2022-23 की एनुअल रिपोर्ट से भी पता चलता है कि इसकी माली हालत दिनों-दिन किस तरह बदतर होती जा रही है। इस वर्ष एचईसी का कुल प्रोडक्शन महज 60.50 करोड़ रुपये का रहा, जबकि, कंपनी को 230.85 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ और घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ और घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ और घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ और घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था।

विभिन्न मदों में कंपनी की देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट में 6480.73 लाख, वॉलेंट्री पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 4 लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया हैं। कंपनी पर वेंडरों के भी करोड़ों रुपए बाकी हैं।

गौरतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) की स्थापना 1963 में हुई थी। एचईसी की स्थापना मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री (मातृ उद्योग) के रूप में की गई थी। इसके तीन प्रमुख प्लांट हैं- फाउंड्री फोर्ज प्लांट, हेवी मशीन बिल्डिंग प्लांट और हेवी मशीन टूल प्लांट।

इसने पिछले साठ वर्षों के इतिहास में स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, खनन, खनिज प्रसंस्करण, डिफेंस, इसरो, रेलवे, कोल सेक्टर सहित विभिन्न उद्योगों के लिए अनगिनत संख्या में भारी मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन किया है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

ADVERTISEMENT

रांची, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रही रांची स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के तीनों प्लांट किसी भी दिन ठप पड़ सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास बिजली बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं और झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 15 दिनों में कंपनी को बिजली काटने का अल्टीमेटम दिया है।

ऐसे में एचईसी ने भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एक बार फिर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, सरकार पहले ही कंपनी को किसी तरह की आर्थिक मदद से इनकार कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एचईसी को अपने ही संसाधनों के जरिए खड़ा होना होगा। एचईसी पर बिजली बिल के मद में झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का 180 करोड़ रुपए बकाया है।

निगम ने एचईसी को जो नोटिस जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर बकाया का भुगतान नहीं होने पर कंपनी को बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी। बिजली कटते ही एचईसी के तीनों प्लांट ठप हो जाएंगे। पहले ही जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी में इस नोटिस को लेकर हड़कंप है। यहां के अफसरों और कामगारों का 19 महीने का वेतन बकाया है। हालांकि, कंपनी के पास आज की तारीख में 1,355 करोड़ का वर्क ऑर्डर है, लेकिन, वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।

हाल में आई एचईसी की वर्ष 2022-23 की एनुअल रिपोर्ट से भी पता चलता है कि इसकी माली हालत दिनों-दिन किस तरह बदतर होती जा रही है। इस वर्ष एचईसी का कुल प्रोडक्शन महज 60.50 करोड़ रुपये का रहा, जबकि, कंपनी को 230.85 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ और घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ और घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ और घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ और घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था।

विभिन्न मदों में कंपनी की देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट में 6480.73 लाख, वॉलेंट्री पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 4 लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया हैं। कंपनी पर वेंडरों के भी करोड़ों रुपए बाकी हैं।

गौरतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) की स्थापना 1963 में हुई थी। एचईसी की स्थापना मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री (मातृ उद्योग) के रूप में की गई थी। इसके तीन प्रमुख प्लांट हैं- फाउंड्री फोर्ज प्लांट, हेवी मशीन बिल्डिंग प्लांट और हेवी मशीन टूल प्लांट।

इसने पिछले साठ वर्षों के इतिहास में स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, खनन, खनिज प्रसंस्करण, डिफेंस, इसरो, रेलवे, कोल सेक्टर सहित विभिन्न उद्योगों के लिए अनगिनत संख्या में भारी मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन किया है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

Related Posts

दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए जारी की एडवाइजरी
ताज़ा समाचार

दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए जारी की एडवाइजरी

May 11, 2025
पुंछ, उधमपुर से बाड़मेर तक शांतिपूर्ण हालात, जम्मू-कश्मीर सरकार ने की फर्जी खबरों से सावधान रहने की अपील
ताज़ा समाचार

पुंछ, उधमपुर से बाड़मेर तक शांतिपूर्ण हालात, जम्मू-कश्मीर सरकार ने की फर्जी खबरों से सावधान रहने की अपील

May 11, 2025
पाकिस्तान ने अपना लहजा नहीं बदला तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा : जगदंबिका पाल
राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने अपना लहजा नहीं बदला तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा : जगदंबिका पाल

May 10, 2025
देशभर में संघर्ष विराम का स्वागत, सेना के शौर्य और केंद्र की कूटनीति की तारीफ
राष्ट्रीय

देशभर में संघर्ष विराम का स्वागत, सेना के शौर्य और केंद्र की कूटनीति की तारीफ

May 10, 2025
भारत-पाकिस्तान युद्धविराम का स्वागत, लड़ाई किसी भी समस्या का हल नहीं: अबू आजमी
राष्ट्रीय

भारत-पाकिस्तान युद्धविराम का स्वागत, लड़ाई किसी भी समस्या का हल नहीं: अबू आजमी

May 10, 2025
भारत को जो संदेश देना था दे दिया है : रिटायर्ड मेजर जनरल हर्ष कक्कड़
राष्ट्रीय

भारत को जो संदेश देना था दे दिया है : रिटायर्ड मेजर जनरल हर्ष कक्कड़

May 10, 2025
Next Post

छुट्टियों की सभाएं व जेएन.1 वैरिएंट ने कोविड-19 को बढ़ाया : डब्ल्यूएचओ

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

नालासोपारा में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

April 17, 2025
पोलैंड में माइनस 27 डिग्री सेल्सियस में काजोल ने शिफॉन सूट पहन की थीं शूटिंग

पोलैंड में माइनस 27 डिग्री सेल्सियस में काजोल ने शिफॉन सूट पहन की थीं शूटिंग

May 27, 2023
गाजियाबाद की प्रतीक ग्रैंड सोसाइटी सील, 43 लाख बकाया टैक्स पर नगर निगम ने की कार्रवाई

गाजियाबाद की प्रतीक ग्रैंड सोसाइटी सील, 43 लाख बकाया टैक्स पर नगर निगम ने की कार्रवाई

March 27, 2023

भोपाल : कांग्रेस विधायक मूंग की बोरी कंधे पर रखकर पहुंचे विधानसभा

July 4, 2024
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

080903
Total views : 5870737
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In