भोपाल, 8 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के विंध्य इलाके में आदिवासी बड़ी तादाद में उत्पीड़न का शिकार बन रहे हैं। सीधी से लेकर सतना तक बीते दो माह के दौरान हुई घटनाएं इस वर्ग पर बढ़ते अत्याचार की कहानियां बयां कर रही हैं।
सियासी तौर पर विंध्य, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही, राजनीतिक दलों के लिए खास अहमियत वाला है। यही कारण है कि इन दोनों की जोर-आजमाइश भी बढ़ रही है, क्योंकि यहां आदिवासी वर्ग निर्णायक स्थिति में है।
अभी हाल ही में आदिवासियों पर हुए अत्याचारों ने सियासत को और गर्माया है। ताजा मामला रीवा जिले के हनुमाना थाना क्षेत्र का है, जहां बकरी चराने गई दो आदिवासी चचेरी बहनें हवस का शिकार बन गई।
इन दो बहनों से सात लोगों ने दरिंदगी की और धमकाने के साथ पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया। यह वीडियो सामने आया, तब पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और दो फरार है।
इससे पहले सतना जिले के मैहर में एक आदिवासी बालिका को दो युवकों ने अपनी हवस का शिकार बनाया था। बालिका के परिजनों के विरोध दर्ज कराने और थाने में शिकायत दर्ज कराने पर दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई।
इससे पहले एक मामला सीधी जिले में सामने आया था, जहां भाजपा नेता प्रवेश शुक्ल ने आदिवासी युवक पर खुलेआम पेशाब की थी। इस मामले ने सियासी तूल पकड़ा, प्रवेश शुक्ल की गिरफ्तारी हुई, उसे जेल भेजा गया और उसके घर पर बुलडोजर भी चला।
एक अन्य मामला सिंगरौली जिले का है, जहां के भाजपा विधायक लल्लू राम वैश्य के बेटे विवेकानंदन वैश्य ने एक आदिवासी युवक पर गोली चलाई। इसमें युवक गंभीर रूप से घायल हुआ है। यह मामला मोरवा थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने विधायक के पुत्र पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है।
कुल मिलाकर अगर हम गौर करें तो बीते लगभग दो माह में विंध्य इलाके के कई जिलों में आपराधिक वारदातें घटित हुई हैं और उनमें आदिवासी शिकार बने हैं।
पुलिस और प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है। मगर यह चिंता का विषय है कि आदिवासी विंध्य इलाके में अपराधियों का शिकार बन रहे हैं।
–आईएएनएस
एसएनपी/एबीएम