भोपाल, 12 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस लंबे अरसे बाद सड़क पर उतरने की तैयारी में है और वह सरकार के खिलाफ नारा बुलंद कर रही है। यह ऐसा मौका है जब कांग्रेस अपनी एकजुटता दिखा सकती है।
कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई ने 13 मार्च सोमवार को राज्य में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर राजधानी में राजभवन के घेराव का ऐलान किया है।
इस आयोजन में पूरे प्रदेश से कांग्रेसी अपनी हिस्सेदारी निभाने भोपाल पहुंचने वाले हैं। सभी जिलों के पदाधिकारियों को भी इस आयोजन में सक्रिय तौर पर हिस्सा लेने के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की ओर से निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं।
राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की भी तैयारी में है। उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के भीतर एकजुटता बनाए रखने की है और सोमवार को आयोजित कांग्रेस का प्रदर्शन इस बात की गवाही भी देगा कि कांग्रेस के अंदर कितनी एकजुटता है।
ज्ञात हो कि राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने बढ़त हासिल की थी और सत्ता पर कब्जा जमाया था, मगर पार्टी के अंदर ही हुई टूट के चलते कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ा था।
अब अरसे बाद एक ऐसा मौका आया है जब कांग्रेस प्रदेश स्तर पर अपनी एकजुटता का संदेश दे सकती है। वाकई में कांग्रेस कितनी एकजुट है यह तो सोमवार को होने वाले राजभवन घेराव से सामने आएगा।
कांग्रेस का आरोप है कि देश में बेहताशा बढ़ती हुई महंगाई, प्रदेश में व्याप्त बेरोजगारी, तनावग्रस्त किसान, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग और महिलाओं पर हो रहे निरंतर अत्याचार, बलात्कार-सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उनकी निर्मम हत्याओं, ध्वस्त कानून व्यवस्था, लूट, डकैती सहित भाजपा सरकार की गलत नीतियां के कारण आमजन परेशान है।
उसका कहना है कि भाजपा और संघ विचारधारा संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग और उनकी छवि धूमिल करने पर आमादा है। लिहाजा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर घेराव-विशाल मार्च आयोजित किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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