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मप्र में महिलाओं को हर माह मिलेंगे 1 हजार रुपये

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March 5, 2023
in Uncategorized, राष्ट्रीय
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मप्र में महिलाओं को हर माह मिलेंगे 1 हजार रुपये
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भोपाल, 5 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को एक हजार रुपये हर माह दिया जाएगा।

राजधानी के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है।

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उन्होंने कहा कि बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों खातिर परेशान न हों, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं।

चौहान ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो, वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर योजना के लोगो, थीम सांग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लांच की। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए समग्र आईडी नंबर और आधार नंबर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डो में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नंबर 181 पर सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। बारहवीं कक्षा में शासकीय शाला में प्रथम आने वाली बेटी को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री और अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश भर से महिलाएं वर्चुअली जुड़ीं।

–आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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भोपाल, 5 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को एक हजार रुपये हर माह दिया जाएगा।

राजधानी के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है।

उन्होंने कहा कि बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों खातिर परेशान न हों, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं।

चौहान ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो, वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर योजना के लोगो, थीम सांग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लांच की। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए समग्र आईडी नंबर और आधार नंबर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डो में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नंबर 181 पर सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। बारहवीं कक्षा में शासकीय शाला में प्रथम आने वाली बेटी को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री और अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश भर से महिलाएं वर्चुअली जुड़ीं।

–आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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भोपाल, 5 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को एक हजार रुपये हर माह दिया जाएगा।

राजधानी के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है।

उन्होंने कहा कि बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों खातिर परेशान न हों, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं।

चौहान ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो, वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर योजना के लोगो, थीम सांग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लांच की। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए समग्र आईडी नंबर और आधार नंबर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डो में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नंबर 181 पर सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। बारहवीं कक्षा में शासकीय शाला में प्रथम आने वाली बेटी को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री और अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश भर से महिलाएं वर्चुअली जुड़ीं।

–आईएएनएस

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भोपाल, 5 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को एक हजार रुपये हर माह दिया जाएगा।

राजधानी के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है।

उन्होंने कहा कि बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों खातिर परेशान न हों, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं।

चौहान ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो, वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर योजना के लोगो, थीम सांग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लांच की। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए समग्र आईडी नंबर और आधार नंबर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डो में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नंबर 181 पर सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। बारहवीं कक्षा में शासकीय शाला में प्रथम आने वाली बेटी को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री और अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश भर से महिलाएं वर्चुअली जुड़ीं।

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राजधानी के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है।

उन्होंने कहा कि बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों खातिर परेशान न हों, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं।

चौहान ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो, वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर योजना के लोगो, थीम सांग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लांच की। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए समग्र आईडी नंबर और आधार नंबर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डो में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नंबर 181 पर सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। बारहवीं कक्षा में शासकीय शाला में प्रथम आने वाली बेटी को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री और अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश भर से महिलाएं वर्चुअली जुड़ीं।

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भोपाल, 5 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को एक हजार रुपये हर माह दिया जाएगा।

राजधानी के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है।

उन्होंने कहा कि बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों खातिर परेशान न हों, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं।

चौहान ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो, वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर योजना के लोगो, थीम सांग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लांच की। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए समग्र आईडी नंबर और आधार नंबर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डो में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नंबर 181 पर सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। बारहवीं कक्षा में शासकीय शाला में प्रथम आने वाली बेटी को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री और अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश भर से महिलाएं वर्चुअली जुड़ीं।

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भोपाल, 5 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को एक हजार रुपये हर माह दिया जाएगा।

राजधानी के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है।

उन्होंने कहा कि बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों खातिर परेशान न हों, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं।

चौहान ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो, वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर योजना के लोगो, थीम सांग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लांच की। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए समग्र आईडी नंबर और आधार नंबर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डो में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नंबर 181 पर सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। बारहवीं कक्षा में शासकीय शाला में प्रथम आने वाली बेटी को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री और अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश भर से महिलाएं वर्चुअली जुड़ीं।

–आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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भोपाल, 5 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को एक हजार रुपये हर माह दिया जाएगा।

राजधानी के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है।

उन्होंने कहा कि बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों खातिर परेशान न हों, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं।

चौहान ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो, वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर योजना के लोगो, थीम सांग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लांच की। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए समग्र आईडी नंबर और आधार नंबर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डो में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नंबर 181 पर सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। बारहवीं कक्षा में शासकीय शाला में प्रथम आने वाली बेटी को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री और अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश भर से महिलाएं वर्चुअली जुड़ीं।

–आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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