जबलपुर. कैंसर के मरीजों को किफायती इलाज की पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब, और डर्वालुमैब जैसी कैंसर दवाओं की कीमतें घटाकर इलाज को और किफायती बनाया है.
भारत में कैंसर के मामलों में हो रही वृद्धि के बीच, केंद्र सरकार ने कैंसर रोधी दवाओं की कीमतें घटाने का निर्णय तो ले िलिया हैं लेकिन हृदयाघात के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसकी चिकित्सा और दवाओं की कीमतें कम करने की दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाए जाने से हृदय रोगियों की परेशानियां कम नहीं हो पाई हैं.
सरकार ने कैंसर रोधी दवाओं की कीमतों को किफायती बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम तो उठाए लेकिन अब हृदय रोगियों को प्रतीक्षा हैं कि सरकार उन पर कब मेहरबान होगी. बताया जा रहा हैं कि ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमैब जैसी प्रमुख कैंसर दवाओं पर सीमा शुल्क को शून्य कर दिया गया है. इसके साथ ही जीएसटी दरें भी 12 फीसद से घटाकर 5 फीसद कर दी गई हैं. यह कदम कैंसर के इलाज की पहुंच को और सस्ता और सुलभ बनाएगा. बताया जा रहा हैं कि दवाओं की कीमतों में कमी को लेकर हालहीं में केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने संसद में जानकारी दी है.
सीमा शुल्क में बदलाव
केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने संसद में बताया कि ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब जैसी प्रमुख कैंसर दवाओं के अधिकतम खुदरा मूल्य को घटाने का निर्देश दिए गए है. इसके साथ ही जीएसटी और सीमा शुल्क में भी बदलाव किए गए हैं, ताकि इन दवाओं को और भी किफायती बनाया जा सके.
निर्माताओं ने घटाए रेट
केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने संसद में जानकारी देते हुए हुए बताया कि सरकार द्वारा जारी निर्देशों के बाद में दवा निर्माताओं ने कैंसर रोधी तीन प्रमुख दवाओं, ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब की अधिकतम खुदरा कीमत में कमी की है. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने निर्माताओं को इन दवाओं पर जीएसटी दरों में कमी और सीमा शुल्क में छूट के लाभों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए एमआरपी घटाने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही निर्माताओं को कीमतों में बदलाव की सूचना एनपीपीए को प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया था.
जीएसटी की दर में कमी
साथ ही जीएसटी की दरों में कमी की गई है. जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 0 फीसद निर्धारित किया गया, जिससे दवाओं की कीमतों में महत्वपूर्ण कमी आई है. अब निर्माताओं ने इन निर्देशों का पालन करते हुए दवाओं की एमआरपी में कमी की है साथ ही इसको लेकर एनपीपीए को सूचना प्रस्तुत की है.