मुंबई, 12 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर-मध्य मुंबई लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद वर्षा एकनाथ गायकवाड़ ने रविवार को आईएएनएस के साथ कई मुद्दों पर खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने महाविकास अघाड़ी के बीच चल रही अनबन की खबरों पर सफाई दी।
वर्षा गायकवाड़ ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, “संजय राउत ने अपना पर्सनल ओपिनियन दिया है और उसके पहले अंबादास दानवे ने भी अपना पर्सनल ओपिनियन दिया था। अलायंस के बारे में जो भी निर्णय हैं, वह पार्टियों के वरिष्ठ नेता करते हैं और हमारे यहां वो जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की है। वो तय करेंगे कि अलायंस का क्या करना है। अगर कार्यकर्ता की मांग देखें तो उनको भी लगता है कि जितनी सीटें मिलने चाहिए थीं, उतनी सीटें नहीं मिलीं। मगर जब अलायंस का निर्णय ऊपर से हो गया, तब हमने प्रामाणिक तौर से काम किया। कार्यकर्ताओं को न्याय मिलना चाहिए।”
उन्होंने मुंबई महानगर पालिका की बात करते हुए कहा, “हम जानते हैं कि मुंबई महानगर पालिका में पिछले तीन साल से कोई नगर सेवक नहीं है। जिस तरह से फिक्स डिपॉजिट तोड़ने का काम हुआ और अपने दोस्तों को बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्ट दिए गए। मुंबई में आज प्रदूषण, साफ सफाई और ट्रैफिक समेत कई बड़ी समस्याएं हैं, जिस पर हम बात करेंगे। मुंबईकर के रुपये का यहां के विकास में इस्तेमाल होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से वो पैसा कहीं और जा रहा है। इसी कारण काम भी नहीं हो पा रहा है। इन्हीं सब मुद्दों पर हम बात करेंगे और कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर उन्हें अवगत कराएंगे।”
वर्षा गायकवाड़ ने कांग्रेस को साइडलाइन करने के सवाल पर आगे कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस को कोई साइडलाइन कर सकता है। कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है और हमने पूरे देश के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी चुनाव लड़ा है। मुझे ऐसा लगता है कि कोई कांग्रेस को साइडलाइन नहीं कर सकता और न ही दबाव बना सकता है। कांग्रेस अपना काम करना जानती है, लेकिन जब हम अलायंस में रहते हैं, तब हम एक आपसी समझ के साथ काम करते हैं।”
राहुल गांधी के सवाल पर वर्षा ने कहा, “राहुल गांधी जनसामान्य के नेता हैं और एक जननायक हैं, जिन्होंने भारत जोड़ने का काम किया और राहुल गांधी सब को साथ लेकर चलने की बात करते हैं। जब भी इंडिया अलायंस की बात आती है, तो वह सबको साथ लेकर चलने का काम करते हैं।”
चन्द्रशेखर बावनकुले के बयान पर उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि ये महाराष्ट्र की जनता को समझना चाहिए, जिस तरह से उद्धव बाला साहेब ठाकरे की पार्टी को तोड़ा गया और फिर बाद में उनका चुनाव चिन्ह छीना गया और यही काम शरद पवार की पार्टी के साथ भी किया गया। ये बात लोगों को समझनी चाहिए कि भाजपा की कोई नीति नहीं है।”
–आईएएनएस
एफएम/सीबीटी