मुंबई, 10 जनवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राहत देते हुए शिवसेना-यूबीटी गुट के 13 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की शिवसेना-शिंद की याचिका खारिज कर दी।
शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले द्वारा दायर याचिका में स्पीकर ने पाया कि याचिका में बड़ी असंगतताएं और विसंगतियां हैं और उन्होंने ठाकरे गुट के सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के उनके आधार को खारिज कर दिया।
इसके साथ और स्पीकर के बहुप्रतीक्षित फैसले के अन्य पहलुओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और एसएस-यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने पिता दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित मूल शिवसेना को सीएम एकनाथ शिंदे के हाथों खो दिया है।
हालांकि, इसे ठाकरेेके लिए सांत्वना के रूप में देखा जा रहा है, उनके 13 विधायकों का विधायक दल – जिनमें उनके बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं – को अयोग्य घोषित नहीं किया गया है और वे विधानसभा चुनाव से पहले अपने शेष कार्यकाल तक विधायक बने रहेंगे।
स्पीकर के फैसले की आदित्य ठाकरे, संजय राउत और अन्य नेताओं सहित एसएस-यूबीटी नेताओं ने कड़ी आलोचना की, जिन्होंने इसे “अपेक्षित तर्ज पर” बताया जैसा कि वे हाल के दिनों में भविष्यवाणी कर रहे थे।
आदित्य ठाकरे ने फैसले को “संविधान और लोकतंत्र की हत्या” करार दिया और कहा कि पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
राउत ने कहा, “यह दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना को खत्म करने की एक गहरी साजिश है, शिवसेना को “गुजराती लॉबी” द्वारा नष्ट नहीं किया जा सकता, हम कसम खाते हैं कि पार्टी अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेगी।”
इसे देश और मराठियों के लिए “काला दिन” बताते हुए राउत ने स्पीकर, सीएम और मुख्य सचेतक की साख पर भी सवाल उठाया और हैरानी जताई कि 40 विधायकों के दलबदल के बाद पूरी पार्टी प्रतिद्वंद्वी गुट को कैसे सौंपा जा सकता है।
–आईएएनएस
एसजीके
मुंबई, 10 जनवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राहत देते हुए शिवसेना-यूबीटी गुट के 13 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की शिवसेना-शिंद की याचिका खारिज कर दी।
शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले द्वारा दायर याचिका में स्पीकर ने पाया कि याचिका में बड़ी असंगतताएं और विसंगतियां हैं और उन्होंने ठाकरे गुट के सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के उनके आधार को खारिज कर दिया।
इसके साथ और स्पीकर के बहुप्रतीक्षित फैसले के अन्य पहलुओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और एसएस-यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने पिता दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित मूल शिवसेना को सीएम एकनाथ शिंदे के हाथों खो दिया है।
हालांकि, इसे ठाकरेेके लिए सांत्वना के रूप में देखा जा रहा है, उनके 13 विधायकों का विधायक दल – जिनमें उनके बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं – को अयोग्य घोषित नहीं किया गया है और वे विधानसभा चुनाव से पहले अपने शेष कार्यकाल तक विधायक बने रहेंगे।
स्पीकर के फैसले की आदित्य ठाकरे, संजय राउत और अन्य नेताओं सहित एसएस-यूबीटी नेताओं ने कड़ी आलोचना की, जिन्होंने इसे “अपेक्षित तर्ज पर” बताया जैसा कि वे हाल के दिनों में भविष्यवाणी कर रहे थे।
आदित्य ठाकरे ने फैसले को “संविधान और लोकतंत्र की हत्या” करार दिया और कहा कि पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
राउत ने कहा, “यह दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना को खत्म करने की एक गहरी साजिश है, शिवसेना को “गुजराती लॉबी” द्वारा नष्ट नहीं किया जा सकता, हम कसम खाते हैं कि पार्टी अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेगी।”
इसे देश और मराठियों के लिए “काला दिन” बताते हुए राउत ने स्पीकर, सीएम और मुख्य सचेतक की साख पर भी सवाल उठाया और हैरानी जताई कि 40 विधायकों के दलबदल के बाद पूरी पार्टी प्रतिद्वंद्वी गुट को कैसे सौंपा जा सकता है।
–आईएएनएस
एसजीके