जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
ADVERTISEMENT
जयपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली राजस्थान यात्रा पर मुर्मू विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं और हवाईअड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति हवाईअड्डे से अमर जवान ज्योति गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह राजभवन गईं जहां उन्होंने कांस्टीट्यूशन पार्क का उद्घाटन किया। कांस्टीट्यूशन पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने राजभवन में मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा समेत अन्य सौंदर्यीकरण कार्यों का भी अवलोकन किया।
कॉन्स्टिट्यूशन पार्क का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने बीकानेर में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा स्टेशन की वर्चुअल आधारशिला रखी। उन्होने कहा- राजस्थान ने सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। बाल विवाह के खिलाफ कानून राजस्थान के हरबिलास शारदा ने बनाया था। हरविलास सारदा ने 1938 में कानून का मसौदा तैयार किया था जो बाद में सारदा अधिनियम (बाल विवाह रोकथाम अधिनियम) के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसलिए राजस्थान का इतिहास नारी की गरिमा और सशक्तिकरण का इतिहास है।
मुर्मू ने कहा- हमारे संविधान में समानता के अधिकार पर जोर दिया गया है। लेकिन कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसका पालन करने वाले बुरे हों, तो वह बुरा हो जाता है; बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था, संविधान कितना भी बुरा हो, अगर उसे मानने वाले अच्छे हैं तो वह अच्छा हो जाता है। उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर भी काफी जोर दिया था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य हर जीव के प्रति संवेदनशीलता है। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जरूरत के हिसाब से संविधान में बदलाव का पूरा अधिकार होना चाहिए। इसीलिए संविधान में संशोधन का प्रावधान है। अब तक 105 संवैधानिक संशोधन हो चुके हैं। हमारे पास एक जीवंत संविधान है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था कि, मैं ऐसे भारत के लिए काम करूंगा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगे कि सरकार चलाने में उसकी भूमिका है।
संविधान सभा में 15 महिलाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक हो जाता है। सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, मालती चौधरी, बेगम एजाज रसूल जैसे प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज 100 से अधिक महिला सांसद हैं। लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 33 महिला सांसद होना एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति दोपहर में उदयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने आबू रोड पर ब्रह्मा कुमारियों के कार्यक्रम में भाग लिया। बुधवार को पाली के रोहट में स्काउट गाइड के जंबूरी का उद्घाटन करने के बाद वह जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।