मुंबई, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता सप्ताह नुकसान वाला रहा। सेंसेक्स 1.58 प्रतिशत गिरकर अंतिम दिन कारोबार की समाप्ति पर 79,705.91 अंक और निफ्टी 1.42 प्रतिशत गिरकर 24,367.50 अंक पर बंद हुआ।
बाजार के गिरने मुख्य वजह अमेरिकी बाजारों में गिरावट रही। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के कमजोर आर्थिक आंकड़ों से बाजार में निवेशकों का विश्वास कम हुआ है। अमेरिका के मंदी में जाने की आशंका के बीच कंपनियों द्वारा भविष्य के लिए कमजोर परिदृश्य की घोषणा से भी शेयर बाजारों पर दबाव रहा।
अगले सप्ताह बाजार की चाल कई कारकों पर निर्भर करेगी। हीरोमोटोकॉर्प, हिंडालको, अपोलो हॉस्पिटल जैसी बड़ी कंपनियां चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे पेश करेंगी। इसके अलावा जुलाई के खुदरा और थोक महंगाई के आंकड़े भी बाजार को प्रभावित करेंगे। इसके साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां और कच्चे तेल की चाल बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी।
पिछले सप्ताह एफआईआई ने कैश सेगमेंट में 19,139 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 20,871 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि निफ्टी ने साप्ताहिक चार्ट में हैमर कैंडल बनाया है यानि ऊंचाई से गिरने के बाद उबरा है जो दिखाता है कि आने वाले सप्ताह में बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। निफ्टी के लिए 24,400 एक अहम रुकावट का स्तर है। अगर यह उसके पार निकल जाता है तो 25 हजार अंक की तरफ जा सकता है। वहीं, 24,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। अगर यह उससे नीचे टूटता है तो 23,500 अंक तक लुढ़क सकता है। ऐसे में गिरावट पर खरीदारी निवेशकों के लिए एक अच्छी रणनीति हो सकती है।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट में वरिष्ठ टेक्निकल एनालिस्ट, प्रवेश गौर ने कहा कि बैंक निफ्टी के लिए 50 हजार एक अहम सपोर्ट लेवल है जबकि 51,200 रुकावट का स्तर है। अगर यह इससे ऊपर गया तो 52,000 अंक को भी छू सकता है। वहीं, अगर 50,000 का सपोर्ट टूटता है तो 48,500 अंक तक गिर सकता है।
—आईएएनएस
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